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औसत से कम बारिश के कारण 2023-24 में भारत का चावल उत्पादन 8 साल में पहली बार गिरने वाला है, जबकि गेहूं का उत्पादन एक साल पहले की तुलना में 1.3% बढ़ने की उम्मीद है। सरकार की तरफ से जारी बयान में यह कहा गया है। जुलाई में गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद दुनिया के सबसे बड़े निर्यातक में चावल उत्पादन पर सावधानीपूर्वक नजर रखी जा रही है, जिससे वैश्विक कीमतें बढ़ गई हैं।
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा फसल वर्ष में जून तक चावल का उत्पादन गिरकर 123.8 मिलियन मीट्रिक टन होने की उम्मीद है, जबकि गेहूं का उत्पादन एक वर्ष पहले के 110.6 मिलियन टन से बढ़कर 112 मिलियन टन हो सकता है। थाईलैंड, वियतनाम, पाकिस्तान और म्यांमार सहित अन्य प्रमुख निर्यातक देशों में कम भंडार को देखते हुए लंबे समय तक निर्यात पर अंकुश लगाने से खाद्य पदार्थों की कीमतें और बढ़ सकती हैं।