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भारत बना विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब, नवाचार और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका

भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम
भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम

भारत ने वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से विकसित हो रहे स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्रों में से एक के रूप में अपनी पहचान बनाई है। 100 से अधिक यूनिकॉर्न कंपनियों के साथ, भारत तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप हब के रूप में उभरा है। स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत मान्यता प्राप्त 73,000 से अधिक स्टार्टअप्स में से आधे से अधिक में एक महिला निदेशक शामिल हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि नवाचार और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है।

पिछले दशक में भारत में उद्यमिता की भावना में क्रांतिकारी बदलाव आया है। बेंगलुरु, हैदराबाद, मुंबई, और दिल्ली-एनसीआर जैसे शहर नवाचार के केंद्र बन गए हैं। किफायती इंटरनेट की व्यापक उपलब्धता और युवा, ऊर्जावान कार्यबल ने फिनटेक, एडटेक, हेल्थटेक, और ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों में स्टार्टअप के विकास को तेज किया है। "इंडियन स्टार्टअप इकोसिस्टम रिपोर्ट" के अनुसार, भारतीय स्टार्टअप्स ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), ब्लॉकचेन, और IoT जैसी उभरती तकनीकों का उपयोग करके स्थानीय और वैश्विक समस्याओं को हल किया है।

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सरकार की पहल: स्टार्टअप्स को सशक्त बनाने की दिशा में कदम:

स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम 2016 में शुरू हुआ, जो भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने में एक मील का पत्थर साबित हुआ है। अब तक 1,57,066 स्टार्टअप्स को उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) द्वारा मान्यता दी गई है। 

  • कारोबार में सुगमता: सरलीकृत प्रक्रियाएं और सिंगल-विंडो क्लीयरेंस।
  • कर लाभ: पंजीकृत स्टार्टअप्स को तीन वर्षों तक कर छूट।
  • फंडिंग समर्थन: फंड ऑफ फंड्स फॉर स्टार्टअप्स के तहत ₹10,000 करोड़ का आवंटन।
  • क्षेत्र-विशिष्ट नीतियां: जैव प्रौद्योगिकी, कृषि और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों के लिए विशेष योजनाएं।
  • BHASKAR पोर्टल: स्टार्टअप, निवेशक, और अन्य हितधारकों के बीच समन्वय के लिए एक केंद्रीकृत मंच।

भारत के स्टार्टअप्स का आर्थिक योगदान:

  • रोजगार सृजन: स्टार्टअप्स ने अब तक 16 लाख से अधिक नौकरियां उत्पन्न की हैं।
  • विदेशी निवेश आकर्षण: भारत वैश्विक वेंचर कैपिटल और निजी इक्विटी निवेश के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बन गया है।
  • समावेशन को बढ़ावा: ग्रामीण स्टार्टअप्स ने स्वास्थ्य, शिक्षा, और कृषि में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं।

वैश्विक मंच पर भारतीय स्टार्टअप्स: BYJU’S, Zomato, Ola, और Nykaa जैसी कंपनियों ने अपनी वैश्विक उपस्थिति दर्ज कराई है। साथ ही, भारतीय स्टार्टअप्स द्वारा विकसित किफायती तकनीकी समाधान, जैसे UPI और आधार-आधारित सेवाएं, वैश्विक स्तर पर नवाचार को प्रेरित कर रही हैं।

भारत: स्टार्टअप इकोसिस्टम का भविष्य: भारत के युवा, शिक्षित जनसांख्यिकी, डिजिटल तकनीकों की बढ़ती पहुंच, और सरकारी नीतियों के समन्वय से भारत स्टार्टअप क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व के लिए तैयार है। यह नवाचार और आर्थिक विकास का ऐसा मॉडल प्रस्तुत कर रहा है, जो न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर के लिए एक प्रेरणा है।

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