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वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग के सचिव, श्री सुनील बर्थवाल ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ 22 नवंबर 2024 को नॉर्वे का दौरा किया। इस दौरे का उद्देश्य व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (TEPA) को लागू करने और EFTA देशों के बड़े बाजार में भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देना था। साथ ही $100 अरब के निवेश के शीघ्र कार्यान्वयन पर जोर दिया गया।
TEPA एक आधुनिक और महत्वाकांक्षी व्यापार समझौता है, जिसे भारत ने यूरोप के चार विकसित देशों के साथ हस्ताक्षरित किया है। यह समझौता "मेक इन इंडिया" को बढ़ावा देगा और युवा व प्रतिभाशाली कार्यबल को नए अवसर प्रदान करेगा। इस समझौते के तहत, EFTA ने 92.2% शुल्क लाइनों पर रियायत दी है, जो भारत के 99.6% निर्यात को कवर करता है। इसमें सभी गैर-कृषि उत्पादों और प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों (PAP) पर शुल्क रियायतें शामिल हैं।
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TEPA मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देगा। यह समझौता बुनियादी ढांचे, निर्माण, मशीनरी, फार्मास्यूटिकल्स, रसायन, खाद्य प्रसंस्करण, परिवहन और लॉजिस्टिक्स, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं, और बीमा जैसे क्षेत्रों में घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करेगा।
इस समझौते से अगले 15 वर्षों में भारत के युवा और महत्वाकांक्षी कार्यबल के लिए बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। साथ ही, व्यावसायिक और तकनीकी प्रशिक्षण सुविधाओं में सुधार होगा। इसके अलावा, यह समझौता भारत को परिशुद्ध इंजीनियरिंग, स्वास्थ्य विज्ञान, नवीकरणीय ऊर्जा, नवाचार और अनुसंधान एवं विकास (R&D) जैसे क्षेत्रों में विश्व स्तरीय तकनीकों तक पहुंच प्रदान करेगा।
व्यापार और निवेश के नए आयामों पर सहमति: इसका उद्देश्य व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना, भारतीय पेशेवरों के लिए आवागमन को सरल बनाना, मौजूदा संस्थागत तंत्र को सक्रिय करना और TEPA की पुष्टि के अगले चरणों पर चर्चा करना था। वाणिज्य सचिव ने नॉर्वे की व्यापार मंत्री सुश्री सेसिली मायर्सेथ और स्वास्थ्य एवं देखभाल सेवाओं के मंत्री श्री यान क्रिश्चियन वेस्टरे से भी मुलाकात की।
तेजी से बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था पर चर्चा: दौरे के दौरान सचिव ने नॉर्वे के विभिन्न व्यापारिक संगठनों जैसे, नॉर्वेजियन चैंबर ऑफ कॉमर्स, इनोवेशन नॉर्वे, शिपबिल्डर्स एसोसिएशन, रायडर बिंग लॉ फर्म और नवीकरणीय ऊर्जा, शिपिंग, उपभोक्ता वस्त्र, ग्रीन हाइड्रोजन, वस्त्र, समुद्री खाद्य, खनन और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों के सीईओ और उद्योग जगत के नेताओं से भी मुलाकात की। सचिव ने नॉर्वेजियन उद्योगों को भारतीय अर्थव्यवस्था के तेजी से विकास और आगामी 3-4 वर्षों में इसे दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के अभूतपूर्व अवसरों की जानकारी दी।
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