वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि सरकार तुअर, उड़द और मसूर जैसी दालों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए छह वर्षीय "दलहन में आत्मनिर्भरता मिशन" शुरू करेगी। इससे किसानों को स्थायी बाजार और उचित दाम मिलेंगे। इस मिशन के तहत नेफेड (NAFED) और एनसीसीएफ (NCCF) जैसी सहकारी संस्थाएं अगले चार वर्षों तक किसानों से दालों की खरीद करेंगी। किसानों को दाल उत्पादन के लिए अतिरिक्त सहायता दी जाएगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी और देश दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय खाद्य तिलहन मिशन चला रही है। इसी तरह, दलहन उत्पादन के क्षेत्र में भी ठोस प्रयासों के चलते देश ने लगभग आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में सफलता पाई है। किसानों ने अपने फसल क्षेत्र में 50% तक दलहन की खेती बढ़ाकर इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सरकार ने दलहन की खरीद और लाभकारी मूल्य की व्यवस्था भी सुनिश्चित की है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हुई है और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि लोगों में पोषण को लेकर जागरूकता बढ़ रही है, जो स्वस्थ समाज की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है। उन्होंने बताया कि आय के स्तर में वृद्धि के साथ सब्जियों, फलों और श्रीअन्न (मोटे अनाज) का उपभोग भी तेजी से बढ़ रहा है। इसके उत्पादन को प्रोत्साहित करने, प्रभावी आपूर्ति श्रृंखला विकसित करने, प्रसंस्करण को बढ़ावा देने और किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए राज्यों की भागीदारी से एक व्यापक कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इस योजना के तहत किसान उत्पादक संगठन (FPOs) और सहकारी समितियों को भी जोड़ा जाएगा, जिससे कृषि क्षेत्र में संस्थागत मजबूती आएगी और किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी।