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मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर हरक्षेत्र में प्रथम स्थान पर रहने की दौड़ में शामिल रहता है। देश में स्वच्छता में पहले रहने वाला इंदौर पीएम सूर्यघर योजना लागू होने के बाद से सौर ऊर्जा उत्पादन में मप्र के अन्य शहरों को पछाड़ कर पहले स्थान पर बना हुआ है। इंदौर महानगर क्षेत्र में करीब 12000 स्थानों पर सौर ऊर्जा उत्पादन हो रहा है, इसकी क्षमता 100 मैगावाट से अधिक है।
पीएम सूर्यघर योजना बहुत तेजी से बिजली उपभोक्ताओं का रूझान बढ रहा है, यहीं कारण हैं कि फरवरी से अक्टूबर के बीच करीब 9 हजार से ज्यादा बिजली उपभोक्ता इससे जुड़े चुके हैं। इन उपभोक्ताओं की छतों, परिसरों पर सौर पैनल्स लग चुके हैं, यहीं नहीं इनकी बिजली भी उत्पादित होकर विधिवत रूप से मीटर और बिलिंग सिस्टम में दर्ज हो रही है। इसका लाभ उपभोक्ताओं द्वारा लिया जा रहा है। कई उपभोक्ताओं के बिजली के बिलों में भारी कमी आई है वहीँ अनेक उपभक्ताओं के बिल तो क्रेडिट में आ रहे हैं l
इंदौर, उज्जैन, देवास में सौर ऊर्जा का उत्पादन
इंदौर महानगर क्षेत्र में करीब 12000 स्थानों पर सौर ऊर्जा उत्पादन हो रहा है, इसकी कुल क्षमता 100 मैगावाट के पार हैं। दूसरे स्थान पर उज्जैन जिला 2200 स्थानों पर, तीसरे स्थान पर देवास जिला 1020 स्थानों पर रूफ टॉप सोलर मीटर वाला हैं। कंपनी क्षेत्र में चौथे स्थान पर रतलाम जिला 755 स्थान, पांचवां स्थान खरगोन जिला 750 स्थान पर हैं।
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना से भारत के एक करोड़ घरों में सोलर संयत्रों से पैदा होने वाली बिजली से घरों में बिजली का बिल कम हो जायेगा। प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के शुरू होने के पहले तीन किलोवाट तक के सोलर पैनल लगवाने पर करीब 43 हजार रूपये सब्सिडी मिलती थी। अब इस योजना में सब्सिडी बढ़ाकर 78 हजार रूपये कर दी गई है। केंद्र शासन वर्ष 2024 के प्रारंभ से ही तीन किलो वॉट तक के सोलर पैनल्स पर अधिकतम 78 हजार रूपए की सब्सिडी दे रही हैं।
रूफ टाप सोलर सन्यंत्र कोई भी उपभोक्ता अपने घरेलु उपयोग के लिये स्थापित करवा सकता है लेकिन सब्सिडी केवल घरेलु उपयोग के लिये स्थापित किये जाने वाले ही सोलर सन्यंत्रों पर मिलेगी। वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा एक किलोवाट पर 30 हजार रूपये, दो किलोवाट पर 60 हजार रूपये और तीन किलोवाट पर 78 हजार रूपये की सब्सिडी दी जा रही है।
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भारत में रूफ टाप सोलर सन्यंत्र की मांग तेजी से बढ़ रही है। आमतौर पर एक किलोवाट क्षमता के सन्यंत्र लगवाने का खर्च 45 हजार रूपये से लेकर 70 हजार रूपये तक आता है। यह अंतर सोलर पैनल, इंवर्टर, स्ट्रक्चर और अन्य सामान की गुणवत्ता के अनुसार कम या ज्यादा हो सकती है। सोलर सन्यंत्र लगवाते समय सन्यंत्र की तय राशि देनी होती है। सब्सिडी की राशि बाद में उपभोक्ता के बैंक खाते में हस्तांतरित की जाती है।