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2027 तक पूर्वोत्तर राज्यों को दालों और बागवानी फसलों के उत्पादन को बढ़ाने की पहल

दालों और बागवानी फसलों के उत्पादन
दालों और बागवानी फसलों के उत्पादन

भारत सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव ने आज गुवाहाटी असम में एक दिवसीय गोलमेज परामर्श के दौरान आग्रह किया कि पूर्वोत्तर राज्यों को दालों और बागवानी फसलों का उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने दालों के उत्पादन को बढ़ाने में पूर्वोत्तर राज्यों की क्षमता पर प्रकाश डाला, जिससे राष्ट्रीय उपलब्धता बढ़ेगी और आयात पर निर्भरता कम होगी। सचिव ने आयात पर निर्भरता कम करके उत्पादन में बढोतरी के साथ आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि 2027 तक दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता लाने के लिये पूर्वोत्तर राज्यों की भूमिका महत्वपूर्ण है।

पूर्वोत्तर राज्यों में प्याज की कीमतों पर लगेगा लगाम:

श्रीमती खरे ने बताया कि रेल रेक द्वारा करीब 840 मीट्रिक टन प्याज की खेप 5 नवंबर 2024 को गुवाहाटी के चांगसारी स्टेशन पर पहुंची। एनसीसीएफ द्वारा असम, मेघालय, त्रिपुरा और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के विभिन्न जिलों में प्याज वितरित किया जा रहा है। इससे पूर्वोत्तर राज्यों में प्याज की व्यापक उपलब्धता सुनिश्चित होगी और कीमतों में गिरावट आएगी। प्रमुख मंडियों में प्याज के थोक निपटान से उपलब्धता बढ़ाने व मूल्यों को कम करने में सहायता मिली है।

दालों और बागवानी वस्तुओं के उत्पादन तथा खाद्य प्रबंधन पर विचार:

यह पहली बार है कि इस तरह की कार्यशाला का आयोजन राज्यों के सभी संबंधित विभागों, अनुसंधान संगठनों और अन्य हितधारकों की भागीदारी के साथ किया गया है, जिससे बढ़ती उपलब्धता और खाद्य मूल्य प्रबंधन के लिए एक समग्र रणनीति और कार्यान्वयन के लिए रोडमैप तैयार किया जा सके। कार्यशाला का आयोजन उपभोक्ता मामले विभाग, भारत सरकार द्वारा एनसीसीएफ के सहयोग से पूर्वोत्तर राज्यों में दालों और बागवानी वस्तुओं के उत्पादन तथा खाद्य मूल्य प्रबंधन से संबंधित मुद्दों पर विचार करने के लिए किया गया था।

असम में एमएसपी खरीद के साथ धान उत्पादन में आए बदलाव:

असम सरकार के खाद्य सार्वजनिक वितरण व उपभोक्ता मामले विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री बिस्वरंजन सामल ने एमएसपी खरीद के साथ किसानों को सहायता प्रदान कर राज्य में धान उत्पादन में आए बदलाव पर प्रकाश डाला, जिससे असम आत्मनिर्भर बन गया है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से कार्यशाला में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया।

बीज मिनी किट और नई दलहन किस्मों से पूर्वोत्तर में बढ़ेगा दलहन उत्पादन: आईसीएआर के प्रतिनिधियों ने कार्यशाला के दौरान अनुसंधान की प्रगति, पूर्वोत्तर राज्यों के लिए उपयुक्त दलहन किस्मों की उपलब्धता और क्षेत्र में दलहन बीज केंद्रों पर प्रकाश डाला, जो राज्यों में दलहन उत्पादन को बढ़ावा देते हैं। कृषि विभाग ने किसानों को उच्च गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध के लिए राज्यों में बीज मिनी किट वितरण पहल पर प्रकाश डाला, जिसकी राज्य प्रतिनिधियों ने सराहना की। एनसीसीएफ की एमडी ने दालों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एमएसपी पर खरीद व्यवस्था के लिए किसानों के पंजीकरण और क्षेत्र में दालों के उत्पादन को समर्थन देने की कार्य योजना के बारे में बताया।

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