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लैवेंडर की खेती कश्मीर घाटी में अधिक लोकप्रिय हो रही है। इसलिए विभाग के लैवेंडर फार्मों को इस सजावटी, पाक जड़ी बूटी के विकास में अग्रणी भूमिका निभानी होगी। कृषि निदेशक कश्मीर, चौधरी मुहम्मद इकबाल ने पुलवामा के लैवेंडर फार्म अर्गीचेक का दौरा करते हुए ये बात कही।
उन्होंने फार्म में लैवेंडर परिदृश्य का जायजा लिया। वह फार्म के विभिन्न ब्लॉकों में गए और चल रही विभिन्न गतिविधियों के संबंध में तकनीकी कर्मचारियों के साथ बातचीत की।
उन्होंने कहा कि कश्मीर "बैंगनी क्रांति" की ओर बढ़ रहा है क्योंकि युवा शिक्षित किसान इस फसल को व्यावसायिक तौर पर लेने में रुचि रखते हैं।
नियमित रूप से लैवेंडर का उपयोग तेल निकालने के लिए किया जाता है, जिसका उपयोग साबुन, सौंदर्य प्रसाधन, सुगंध, एयर फ्रेशनर और दवाओं जैसे उत्पादों को बनाने के लिए किया जाता है।
कृषि निदेशक ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से अनंतनाग, पुलवामा, बडगाम, गांदरबल और कुपवाड़ा जिलों में किसानों ने कृषि विभाग के मार्गदर्शन और तकनीकी सहायता के तहत लैवेंडर की खेती शुरू की है।
उन्होंने कहा कि एचएडीपी के तहत लैवेंडर जैसी सुगंधित एवं औषधीय फसलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा विशेष परियोजना स्वीकृत की गई है। उन्होंने किसानों से आगे आकर विभाग के हस्तक्षेप से लाभ उठाने को कहा। उन्होंने कहा कि लैवेंडर आशाजनक क्षमता दिखाता है जो क्षेत्र की कृषि अर्थव्यवस्था में योगदान दे सकता है।