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प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना के लिये मछली पालन विभाग की अहम बैठक

मत्स्यपालन क्षेत्र में 6000 करोड़ रुपये का निवेश
मत्स्यपालन क्षेत्र में 6000 करोड़ रुपये का निवेश

मछली पालन विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय (MoFAH&D) द्वारा 25 अक्टूबर 2024 को एक बैठक आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के मत्स्य विस्तार नेटवर्क की तकनीकी प्रसार में भूमिका को सुदृढ़ करना और मत्स्यपालन तथा जलकृषि विकास के लिए योजनाओं को लागू करना था। इस बैठक में नए उप-योजना, प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (PM-MKSSY) के कार्यान्वयन पर भी चर्चा की गई। इसमें कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, आईसीएआर, एग्रीकल्चरल टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन रिसर्च इंस्टीट्यूट्स, मत्स्य सेवा केंद्रों, कृषि विज्ञान केंद्रों, राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के मत्स्य अधिकारियों एवं प्रमुख प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। 

PM-MKSSY और कृषि विस्तार प्रणाली

मछली पालन विभाग के संयुक्त सचिव, श्री सागर मेहरा ने PM-MKSSY की मुख्य विशेषताओं को विस्तार से बताया तथा ICAR के प्रसार नेटवर्क के माध्यम से योजनाओं के लक्षित लाभार्थियों तक पहुँचने के महत्व को रेखांकित किया। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव ने भारत में कृषि विस्तार प्रणाली और कृषि संसाधनों की पहुँच के लिए वर्चुअली इंटीग्रेटेड सिस्टम टू एक्सेस एग्रीकल्चरल रिसोर्सेज रूपांतरण प्रयासों पर प्रस्तुति दी। 

मत्स्य पालन क्षेत्र में तकनीकी समर्थन और सहयोग

बैठक में मत्स्य विस्तार की अहमियत को विशेष रूप से रेखांकित किया गया, जो आउटरीच, क्षमता निर्माण और हितधारकों के सहयोग से PM-MKSSY से जुड़े मुद्दों के शीघ्र समाधान में सहायक होगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि क्षेत्र में तकनीकी समर्थन और आधुनिक तकनीकी अपनाने को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा, ट्रेसबिलिटी मॉड्यूल के एकीकरण और सहयोग बढ़ाने पर भी विचार किया गया। इस प्रयास में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मत्स्य पालन विभाग, ICAR संस्थान और विभिन्न प्रशिक्षण एवं सहायता एजेंसियों के सहयोग ने दीर्घकालिक स्थिरता और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत कदम रखा है। 

सरकार की योजनाओं से 'सनराइज सेक्टर' का विकास

मत्स्यपालन और जलकृषि क्षेत्र को "सनराइज सेक्टर" के रूप में माना जाता है, जो खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने आजीविका प्रदान करने और भारत के आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाता है। पिछले दस वर्षों में भारत सरकार ने इस क्षेत्र को बदलने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY), मत्स्य एवं जलकृषि अवसंरचना विकास कोष (FIDF), ब्लू रेवोल्यूशन, प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (PM-MKSSY) जैसे विभिन्न योजनाओं और पहलों का नेतृत्व किया है, जिसमें 2015 से अब तक 38,572 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है।

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मत्स्यपालन क्षेत्र में 6000 करोड़ रुपये का निवेश

PM-MKSSY, PMMSY के तहत एक उप-योजना है, जिसे फरवरी 2024 में वित्तीय वर्ष 2023-24 से 2026-27 तक के लिए 6000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर स्वीकृत किया गया है। इसका उद्देश्य असंगठित मत्स्यपालन क्षेत्र को औपचारिक बनाना, संस्थागत ऋण तक पहुँच बढ़ाना, मत्स्य बीमा को बढ़ावा देना, मूल्य श्रृंखला की दक्षता में सुधार और सुरक्षित मछली उत्पादों के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं की स्थापना करना है। इस योजना का उद्देश्य नेशनल फिशरीज डिजिटल प्लेटफॉर्म (NFDP) पर कार्य-आधारित पहचानें बनाना भी है, जिससे लाभ सीधे और समान रूप से लक्षित लाभार्थियों तक पहुँच सके।

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