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खरीफ प्याज क्षेत्र विस्तार योजना, में 60,000 रुपये प्रति हेक्टेयर का लाभ, जल्दी करें यहां आवेदन

खरीफ प्याज योजना का उद्देश्य
खरीफ प्याज योजना का उद्देश्य

राज्य सरकार ने खरीफ प्याज की खेती को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को खरीफ प्याज की खेती के लिए प्रोत्साहित करना और इसके उत्पादन को बढ़ाना है। हम विस्तार से जानेंगे कि कैसे किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं, योजना के मुख्य बिंदु क्या हैं, और आवेदन की प्रक्रिया कैसी है।

खरीफ प्याज योजना का उद्देश्य:

इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को खरीफ प्याज की खेती के लिए प्रेरित करना और इसके उत्पादन को बढ़ावा देना है। सरकार का मानना है कि इस योजना से न केवल प्याज की कमी को पूरा किया जा सकेगा बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।

खरीफ प्याज योजना के तहत जिलों की सूची: खरीफ प्याज का क्षेत्र विस्तार योजना बिहार के 10 जिलों में लागू की जाएगी। ये जिले हैं।

  1. भोजपुर
  2. बक्सर
  3. लखीसराय
  4. शेखपुरा
  5. बेगूसराय
  6. नालन्दा
  7. पटना
  8. रोहतास
  9. समस्तीपुर
  10. वैशाली

इस योजना का लाभ और सीमा: योजना के तहत किसानों को न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हेक्टेयर) और अधिकतम 2.5 एकड़ (1 हेक्टेयर) की खेती के लिए लाभ मिलेगा। यह सुनिश्चित करता है कि छोटे और बड़े, दोनों तरह के किसान इस योजना का लाभ उठा सकें।

बीज की दर और कीमत: खरीफ प्याज की खेती हेतु प्रति हेक्टेयर 10 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होगी। प्रति किलोग्राम बीज की अनुमानित कीमत 2000 रुपये है। बीज का मूल्य वास्तविक बाजार दर के अनुसार तय किया जाएगा, जो भी कम हो।

इकाई लागत और अनुदान: प्रति हेक्टेयर अनुमानित इकाई लागत बीज मूल्य सहित 1,20,000 रुपये होगी। इस पर 50 प्रतिशत यानी 60,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से सहायतानुदान अनुसूची-2 के अनुसार दिया जाएगा।

सहायतानुदान भुगतान की प्रक्रिया: योजना के अंतर्गत प्रति हेक्टेयर 60,000 रुपये का सहायतानुदान दिया जाएगा। यह राशि दो किस्तों में भुगतान की जाएगी:

  • प्रथम किस्त: 37,500 रुपये (खेती में उपयोग होने वाले इनपुट और उपादान के लिए)
  • द्वितीय किस्त: 22,500 रुपये (बिचड़ा रोपण उपरांत निरीक्षण और भौतिक सत्यापन के बाद)

बीज की उपलब्धता; बीज की उपलब्धता बिहार राज्य बीज निगम, बिहार, पटना द्वारा सुनिश्चित की जाएगी। किसान अपने संबंधित जिलों में बीज प्राप्त कर सकेंगे।

आवश्यक दस्तावेज: योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को निम्नलिखित दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।

  1. भूमि स्वामित्व प्रमाण-पत्र
  2. दो वर्ष पूर्व से अद्यतन राजस्व रसीद
  3. ऑनलाईन अद्यतन रसीद
  4. वंशावली
  5. एकरारनामा (विहित प्रपत्र)

गैर-रैयत कृषकों के लिए लाभ: गैर-रैयत कृषक एकरारनामा के आधार पर भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। यह उन किसानों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जिनके पास अपनी भूमि नहीं है।

लाभुकों का चयन: लाभुकों का चयन निम्नलिखित श्रेणियों के आधार पर किया जाएगा।

  1. सामान्य श्रेणी: 78.56%
  2. अनुसूचित जाति: 20%
  3. अनुसूचित जनजाति: 1.44%
  4. प्रत्येक श्रेणी में 30% महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

आवेदन करने की सरल प्रक्रिया: 

  1. खरीफ प्याज का क्षेत्र विस्तार योजना के तहत आवेदन करने के लिए सबसे पहले आपको बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट (https://horticulture.bihar.gov.in/) पर जाना होगा। 
  2. वहाँ आपको "Schemes" ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।
  3. अब आपके सामने कृषि विभाग द्वारा चलाई जारी कई योजनाओं की सूची दिखाई देगी, आपको इस सूची में से " सब्जी से सम्बंधित योजना " के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
  4. उसके बाद एक नया पेज ओपन होगा " खरीफ प्याज का क्षेत्र विस्तार योजना " आवेदन करें उस पर आपको क्लिक कर देना है।
  5. आपके सामने एक नया पेज ओपन होगा जिसमें की आपको डीबीटी पंजीकरण संख्या दर्ज करना होगा
  6. इसके बाद, आवेदन फॉर्म भरें और सभी आवश्यक जानकारी को ध्यानपूर्वक दर्ज करें।
  7. आवेदन फॉर्म भरने के बाद, आप आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड करें। 
  8. आवेदन फॉर्म और दस्तावेजों को ध्यानपूर्वक जाँच करने के बाद, "सबमिट" बटन पर क्लिक करें।

सहायतानुदान का भुगतान नियमानुसार DBT के तहत् CFMS द्वारा भुगतान किया जायेगा। इससे प्रक्रिया पारदर्शी और सुचारू होगी और किसानों को उनके अधिकारों का पूरा लाभ मिलेगा।


 

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