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वर्मी कंपोस्ट से तैयार खाद को अब ऑनलाइन मार्केटिंग में बेचा जा रहा है। इतना ही नहीं इस कारोबार से लाखों रुपए का टर्नओवर हो रहा है। इसी तरह बीएससी एग्रीकल्चर और एमबीए की छात्रा ऋचा ने वर्मी कंपोस्ट तैयार कर ऑनलाइन बेच रही है जिसकी बाजार में खूब डिमांड आ रही है। उनके पास मौजूदा समय में रोजाना 400 से 500 आर्डर आ रहे हैं। लेकिन कभी-कभी ऑर्डर की संख्या 5 हजार से 6 हजार तक रोजाना आ जाते हैं।
वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिये केचुए को गोबर के रूप में भोजन दिया जाता है, इसे खाने के बाद विघटित होकर बने नए उत्पाद को केचुआ खाद या वर्मी कम्पोस्ट के रूप में उपयोग किया जा सकता हैं। इसमें मक्खियां और मच्छर भी नहीं पनपते हैं। इससे पर्यावरण में भी दूषित नही होता है। इसमें 3 फीसदी नाइट्रोजन, से 2 फीसदी सल्फर, और 1.5 से 2 फीसदी पोटाश पाया जाता है। केचुआ को किसानों का मित्र भी कहा जाता है।
वर्मीकम्पोस्ट खाद बनाने के लिए एक पात्र, प्लास्टिक की बाल्ल्टी या सीमेंट की टंकी लेकर पात्र के निचले हिस्से में एक छेद कर देना है जिससे अधिक पानी बाहर निकल जाता है। इस पात्र के निचले हिस्से में बजरी, खेत से निकला पराली और कचरे की एक परत बिछा दी जाती है इस बजरी पर घर से निकलने वाला कचरे की परतें डाली जाती है जब पात्र पूरी तरह से भर जाता है तो इसकी ऊपरी सतह पर केंचुए डाल दिये जाते हैं और प्रतिदिन पानी सींचा जाता है और एक महीने में खाद बनकर तैयार हो जाती है।
वर्मीकंपोस्ट से बनी खाद को ऑफलाइन किसानों और कई नर्सरी व्यापारियों को बेचा जा सकता है या फिर वर्मीकम्पोस्ट खाद बेचने के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म का सहारा भी लिया जा सकता हैं। उदाहरण के रूप में Amazon, Flipkart जैसे ई-कॉमर्स साइट के द्वारा बेच सकते हैं। केंचुआ खाद को बेचकर 1 साल में 5 लाख से 7 लाख रूपये कमा सकते हैं। इससे लोगों अधिक से अधिक रोजगार भी मिलेगा।