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हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन दशहरे का पर्व मनाया जाता है। इस काल की अवधि सूर्योदय के बाद दसवें मुहूर्त से लेकर बारहवें मुहूर्त तक होती है। इस बार दशहरा का पर्व 12 अक्टूबर 2024 शनिवार को मनाया जायेगा और पूरा दिन शुभ मुहूर्त रहता है। इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया और भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था।
इस बार दशहरा का पर्व अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 12 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन विजय मुहूर्त-में शस्त्र पूजा दोपहर 2 बजकर 03 मिनट से लेकर 02 बजकर 49 मिनट, शमी पूजा मूहूर्त- दोपहर 01 बजकर 17 मिनट से 03 बजकर 35 मिनट के बीच, अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 11 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट के बीच, प्रदोष काल रावण दहन मुहूर्त- शाम 05 बजकर 55 मिनट से 07 बजकर 30 मिनट के बीच, अमृतकाल में रावण दहन मुहूर्त- शाम 06 बजकर 28 मिनट से रात्रि 08 बजकर 02 मिनट तक, शुभ योग- अबूझ मुहूर्त सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग पूरा दिन तक रहेगा।
महार्षि वाल्मीकि के अनुसार दशहरा के दिन भगवान श्रीराम ने ऋष्यमूक पर्वत पर अश्विन प्रतिपदा से नवमी तक आदिशक्ति की उपासना की थी। इसी दिन भगवान श्रीराम किष्किंधा से लंका के लिये रवाना हुए थे, और इस दिन श्रीराम ने रावण का वध किया था, इसलिये दशहरा का पर्व मनाया जाता है। शहरा के दिन नीलकंठ देखना शुभ माना जाता है, क्योंकि नीलकंठ का भगवान शिव का रूप माना जाता है।
दशहरा के दिन माता दुर्गा ने असुर महिषासुर का वध किया था और विजन उत्सव भी मनाया गया था, इसलिये इसे विजयादशमी भी कहते हैं। शास्त्रों के अनुसार यह भी कहा गया है कि इस दिन देवी सती अग्नि में समा गई थीं। साथ ही इस दिन वर्षा ऋतु की समाप्ति का समय प्रारंभ हो जाता है और चातुर्मास भी समाप्त की तैयारी की जाती है।