मध्यप्रदेश सरकार ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में अगले आठ दिनों के भीतर उन्नत कृषि पर केंद्रित मेले आयोजित किए जाएंगे। इन मेलों का उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना है। मेले में उन्नत तकनीक, उच्च गुणवत्ता वाले बीज, आधुनिक उपकरण, नवीनतम कृषि व उद्यानिकी प्रबंधन और शासन की विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे सौर पंप संचालन हेतु प्रधानमंत्री कुसुम (सी) योजना का अधिकतम लाभ उठाएं। उन्होंने यह संदेश मीडिया के माध्यम से किसानों तक पहुंचाया।
उन्होंने कहा कि आज के समय में खेती बिना बिजली के संभव नहीं है। ऐसे में राज्य सरकार किसानों को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्य कर रही है। कुसुम (सी) योजना के तहत किसानों को स्वयं की बिजली उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। किसानों को बिजली सब्सिडी के रूप में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की जा रही है, जो उनके जीवन में सरकार की एक बड़ी मदद साबित हो रही है।
एमपी के मुख्यमंत्री ने बताया कि कृषि पंपों को सौर ऊर्जा से संचालित करने के लिए किसानों को सौर पंप स्थापित करने में सहायता दी जा रही है। सौर पंप की कुल कीमत का मात्र दस प्रतिशत भुगतान कर किसान बुकिंग कर सकते हैं। प्रदेश में तीन हॉर्सपावर तक के सौर पंपों के पंजीयन की प्रक्रिया आरंभ की गई है। पांच लाख रुपए तक के सौर पंप के लिए किसानों से मात्र पचास हजार रुपए लिए जाएंगे, शेष चार लाख पचास हजार रुपए की गारंटी सरकार द्वारा दी जाएगी।
एक लाख किसानों को मिलेगा सौर पंप: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार इस योजना के अंतर्गत लगभग एक लाख किसानों का पंजीयन करने जा रही है। पूर्व में पंजीकृत किसानों को प्राथमिकता के आधार पर पंप वितरित किए जाएंगे, इसके बाद नए पंजीकृत किसानों को पंप उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना से किसान बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकेंगे और उनकी आर्थिक प्रगति के नए द्वार खुलेंगे। किसानों की समृद्धि के लिए राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
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