By khetivyapar
पोस्टेड: 08 Jan, 2025 12:00 AM IST Updated Wed, 08 Jan 2025 09:49 AM IST
महाकुंभ 2025, प्रयागराज में आयोजित होने वाला विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आयोजन है, जिसमें 450 मिलियन से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस आयोजन को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और यादगार बनाने के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए हैं। कुंभ मेले के मुख्य स्थानों और मंदिरों में सुरक्षा सुदृढ़ की गई है। खुफिया प्रणालियों को सक्रिय करते हुए संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विशेष दस्ते तैनात किए गए हैं।
कुंभ में किए गए अत्याधुनिक उपाय :
- महाकुंभ 2025 के दौरान आग की किसी भी घटना से बचाव के लिए उत्तर प्रदेश फायर और इमरजेंसी सर्विसेज विभाग ने मेले के क्षेत्र में उन्नत चार आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर्स (AWT) तैनात किए हैं।
- उन्नत वीडियो और थर्मल इमेजिंग कैमरों से सुसज्जित।
- 35 मीटर ऊंचाई और 30 मीटर क्षैतिज दूरी तक प्रभावी संचालन।
- अग्निशमनकर्मियों की सुरक्षा के लिए सहायक।
- आग सुरक्षा के लिए ₹131.48 करोड़ का बजट आवंटित।
- 351 अग्निशमन वाहन, 50+ फायर स्टेशन, 2,000 से अधिक प्रशिक्षित कर्मी और हर टेंट में अग्निशमन उपकरण।
ड्रोन और एआई से होगी निगरानी : उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ 2025 को "डिजिटल महाकुंभ" बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया है। एआई संचालित कैमरे, ड्रोन, एंटी-ड्रोन और टेदर्ड ड्रोन मेले के विशाल क्षेत्र की निगरानी की जायेगी। कुंभ में पहली बार नदियों के नीचे 24 घंटे की निगरानी के लिए अंडरवॉटर ड्रोन तैनात किए गए हैं। ये 100 मीटर गहराई तक काम करने में सक्षम हैं। डिजिटल महाकुंभ को सुरक्षित बनाने के लिए एक विशेष साइबर सुरक्षा टीम बनाई गई है, जो दुनियाभर से आने वाले श्रद्धालुओं के डिजिटल डेटा को सुरक्षित रखेगी।
जल, थल और नभ पर व्यापक सुरक्षा तैयारियां
- पुलिस और एटीएस टीमों द्वारा मॉक ड्रिल और बुनियादी ढांचे का निरीक्षण।
- इंटरसेप्टर ड्रोन, एंटी-ड्रोन सिस्टम और अत्याधुनिक उपकरणों की तैनाती।
- पिछले कुंभ की तुलना में 40% अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती।
- रेलवे और ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली के साथ समन्वय।
महाकुंभ में खोए हुए व्यक्तियों के लिए सहायता सेवा
- महाकुंभ क्षेत्र में कई हाई-टेक लॉस्ट एंड फाउंड पंजीकरण केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।
- खोए हुए व्यक्तियों का डिजिटल पंजीकरण।
- मोबाइल के बिना भी श्रद्धालु कॉल के जरिए अपने परिवार से संपर्क कर सकेंगे।
- खोए हुए व्यक्ति की जानकारी, केंद्र का नाम और स्थान सभी लॉस्ट एंड फाउंड केंद्रों पर प्रदर्शित।
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (फेसबुक और ट्विटर) पर जानकारी साझा की जाएगी।
- 12 घंटे के भीतर परिवार द्वारा दावा न करने पर पुलिस सहायता प्रदान की जाएगी।
निष्कर्ष : महाकुंभ 2025, उत्तर प्रदेश सरकार की सुरक्षा, आध्यात्मिकता और प्रबंधन के प्रति गहन प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्नत तकनीक, कुशल योजना और व्यापक संसाधनों के साथ, यह आयोजन करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए एक सुरक्षित और दिव्य अनुभव प्रदान करेगा।