इस साल जिले में लीची की फसल शानदार होने की संभावना है। किसानों के चेहरे खिले हुए हैं क्योंकि लीची के पेड़ों पर भरपूर मंजर आए हैं। कम कोहरे और अनुकूल तापमान के कारण इस बार फसल अच्छी रहने की उम्मीद जताई जा रही है।
इस बार बागानों में आए लीची के मंजर को देखकर किसान खुश हैं और उन्होंने बागों की देखभाल तेज कर दी है। किसानों के अनुसार, इस बार शाही लीची में पिछले साल की तुलना में अधिक मंजर लगे हैं। वहीं, चाइना लीची में भी अगले एक सप्ताह में मंजर आने की संभावना है। मंजर आने के बाद बागों में कीटनाशकों का छिड़काव शुरू कर दिया जाएगा। किसानों का कहना है कि दो वर्षों के बाद लीची में इतना अच्छा बदलाव देखने को मिला है। यदि फसल अच्छी रहती है, तो इस साल लीची के निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा। मार्च के अंत तक देश-विदेश की विभिन्न एजेंसियां लीची की खरीदारी के लिए मुजफ्फरपुर पहुंचने लगेंगी।
पिछले वर्ष अधिक कोहरा और तापमान में उतार-चढ़ाव होने के कारण लीची की फसल को भारी नुकसान हुआ था। हालांकि, इस बार मौसम अनुकूल बना हुआ है, जिससे लीची के पेड़ों पर अच्छे मंजर आए हैं। कांटी प्रखंड के किसान बबलू शाही ने बताया कि इस साल लीची की फसल से अच्छी आमदनी की उम्मीद है। यदि एपीडा (APEDA) से निर्यात लाइसेंस मिल जाता है, तो किसानों को बाहरी एजेंसियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
लीची उत्पादक संघ और अनुसंधान केंद्र की सकारात्मक रिपोर्ट: बिहार लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह ने बताया कि इस बार फसल अच्छी होगी, जिससे किसानों को लाभ मिलेगा। राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक ने भी फसल को लेकर सकारात्मक जानकारी दी है। उन्होंने कहा, "मुजफ्फरपुर के कई बागों का निरीक्षण किया गया है और अब तक लीची की स्थिति बहुत अच्छी दिख रही है। इस साल मुजफ्फरपुर के किसानों को लीची की बेहतर फसल से बड़ी उम्मीदें हैं। अगर मौसम साथ देता रहा, तो इस बार न केवल लीची की अच्छी पैदावार होगी, बल्कि इसका निर्यात भी बड़े स्तर पर किया जा सकेगा।
लीची सेहत के लिये फायदेमंद: लीची में पानी से भरे स्वाद के कारण हम इसे बेहद पसंद करते हैं। लीची फाइबर से भरपूर होती है, जो कब्ज को रोकने में मदद करती है। लीची विटामिन सी से भरपूर होती है, जो मध्यम मात्रा में सेवन करने पर विटामिन की हमारी डेली जरूरत को पूरा करती है। यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।