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गौशालाओं के गौवंश को मिलेगा 40 रुपए प्रतिदिन अनुदान, बड़ी नगर पालिकाओं में भी बनेंगी अत्याधुनिक गौशालाएं

गौशालाओं के गौवंश को मिलेगा 40 रुपए प्रतिदिन अनुदान
गौशालाओं के गौवंश को मिलेगा 40 रुपए प्रतिदिन अनुदान

मध्यप्रदेश सरकार गौ-संरक्षण और गौ-संवर्धन के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। सरकार का उद्देश्य है कि गौवंश की उचित देखभाल हो, उन्हें समुचित आहार और पोषण मिले, साथ ही पशुपालकों की आय में भी वृद्धि हो। इसके लिए सरकार कई नई योजनाएं लागू कर रही है। प्रदेश में पशुपालन और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पंजीकृत गौशालाओं में रहने वाले गौवंश के लिए प्रतिदिन 20 रुपए के आहार अनुदान को बढ़ाकर 40 रुपए किया गया है। इसके अलावा दुग्ध उत्पादकों को बोनस देने की योजना भी बनाई जा रही है।

एमपी के मुख्यमंत्री ने कहा कि गौ-वंश पालन से सीएनजी बायोगैस संयंत्रों की स्थापना को भी प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे ऊर्जा क्षेत्र में भी सहयोग मिलेगा।

पशुपालन विभाग की समीक्षा बैठक : मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रालय में पशुपालन एवं डेयरी विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक में निर्देश दिए कि प्रदेश में संचालित सभी गौशालाओं का निरीक्षण कराया जाए और अनुदान राशि के दुरुपयोग को रोका जाए। उन्होंने कहा कि गौशालाओं के संचालन में समाज का सहयोग लिया जाना चाहिए और वहां गौवंश के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

गौचर भूमि खाली कराने के निर्देश

गोचर भूमि को खाली कराकर पंचायत स्तर पर अभियान चलाये जायेंगे, इसके साथ ही घरों में गौवंश पालने के लिए भी शीघ्र योजना बनाई जाए। साथ ही यह कहा कि गाय का दूध अत्यधिक पोषक होता है और कुपोषित बच्चों के पोषण में इसका महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। सरकार का लक्ष्य है कि कुपोषित बच्चों को गाय का दूध उपलब्ध कराया जाए और दूध उत्पादन एवं विपणन पर विशेष ध्यान दिया जाए।

बड़ी नगर पालिकाओं में अत्याधुनिक गौशालाओं का निर्माण

प्रदेश सरकार ने भोपाल, इंदौर और जबलपुर जैसी बड़ी नगर पालिकाओं में अत्याधुनिक गौशालाओं का निर्माण किया जाएगा। वर्तमान में प्रदेश में कुल 1.87 करोड़ गौवंश है, जिनमें से 90.96% यानी 1.70 करोड़ देसी नस्ल के हैं। प्रदेश में 3.15 लाख गौवंश के लिए 2,190 गौशालाएं संचालित हैं, जिनमें 627 अशासकीय संस्थाओं द्वारा और 1,563 मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना के अंतर्गत संचालित हो रही हैं।

सीएनजी संयंत्र और टैगिंग पर जोर : बैठक में पशुपालन मंत्री श्री लखन पटेल ने सुझाव दिया कि पालतू और निराश्रित गौवंश की पहचान के लिए अलग-अलग रंग के टैग लगाए जाएं। उन्होंने सीएनजी संयंत्र स्थापित करने का भी सुझाव दिया, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया। मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने गौवंश की नस्ल सुधारने और बछिया उत्पादन के लिए सेक्स सॉर्टेड सीमन के उपयोग को बढ़ावा देने का सुझाव दिया।

प्रमुख सचिव श्री उमराव ने जानकारी दी कि प्रदेश में संचालित गौशालाओं में 3.15 लाख गौवंश हैं, जिन्हें अनुदान दिया जाता है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 252 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है। जनवरी 2025 से अनुदान राशि 40 रुपए करने पर अतिरिक्त 34.65 करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी।

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