मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत आज दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में विश्व में प्रथम स्थान पर है और मध्यप्रदेश देश में तीसरे स्थान पर है। उन्होंने बताया कि भारत के दुग्ध उत्पादन में 57.62% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो एक विश्व रिकॉर्ड है। साथ ही प्रदेश में दुग्ध उत्पादन का औसत 673 ग्राम प्रति व्यक्ति है, जो राष्ट्रीय औसत 471 ग्राम से काफी अधिक है।
प्रदेश सरकार ने बताया कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री मोदी के विजन के अनुरूप दुग्ध उत्पादकों की आय दोगुना करने और दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से एम.पी. स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड और संबद्ध दुग्ध संघों के साथ राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के बीच सहकार्यता अनुबंध किया है। इस अनुबंध को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। अनुबंध की अवधि 5 वर्षों की होगी, जिसे आपसी सहमति से बढ़ाया जा सकता है।
आय में होगी दोगुनी वृद्धि: मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि इन प्रयासों के परिणामस्वरूप दुग्ध उत्पादकों की कुल वार्षिक आय 1,700 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,500 करोड़ रुपये से भी अधिक हो जाएगी। इससे मध्यप्रदेश देश का डेयरी कैपिटल बन जाएगा।
श्वेत क्रांति के लिए बड़े निवेश: मध्यप्रदेश सरकार द्वारा श्वेत क्रांति मिशन के तहत 2,500 करोड़ रुपये के निवेश से प्रत्येक जिले में सांची डेयरी के साथ मिल्क कूलर, मिनी डेयरी प्लांट और चिलिंग सेंटर की संख्या बढ़ाई जाएगी। इन प्रयासों से दुग्ध उत्पादन में निरंतर वृद्धि होगी।
दुग्ध समितियों और संग्रह केंद्रों का विस्तार: प्रदेश में वर्तमान में 6,000 दुग्ध समितियां हैं, जो 1-3 गांवों में दुग्ध संग्रह का काम करती हैं। इनकी संख्या बढ़ाकर 9,000 की जाएगी, जिससे लगभग 18,000 गांव कवर किए जा सकेंगे। दुग्ध संग्रह क्षमता 10.50 लाख किलोग्राम प्रतिदिन से बढ़कर 20 लाख किलोग्राम प्रतिदिन हो जाएगी।
सांची ब्रांड को मिलेगी नई पहचान: मुख्यमंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड सांची ब्रांड को और मजबूत करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करेगा। ब्रांड के नाम में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा। दुग्ध संघ के प्रबंधन और संचालन के लिए कोई प्रबंधन शुल्क या परामर्श शुल्क नहीं लिया जाएगा। साथ ही कार्यरत कर्मचारियों के हितों का संरक्षण भी किया जाएगा। दुग्ध सहकारी समितियों से जुड़े किसानों की शिकायतों के निवारण के लिए शिकायत निवारण प्रणाली विकसित की जाएगी।
गौ-वंश रक्षा और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में हर ब्लॉक में एक गांव को वृंदावन गांव के रूप में विकसित किया जाएगा। दुधारू पशुओं पर अनुदान और दुग्ध उत्पादन पर बोनस देने का भी निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पशुपालकों और गौ-संवर्धन के लिए पूरी तरह समर्पित है।
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