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Krishak Kalyan Mission: किसानों की आय बढ़ाने और कृषि विकास के लिए मध्यप्रदेश सरकार शुरू करेगी कृषक कल्याण मिशन

कृषक कल्याण मिशन
कृषक कल्याण मिशन

प्रदेश सरकार किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें समग्र रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से 'मध्यप्रदेश कृषक कल्याण मिशन' की शुरुआत करने जा रही है। किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना ने बताया कि मिशन की रूपरेखा तैयार कर ली गई है और मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इसे स्वीकृति मिल चुकी है।

मंत्री श्री कंषाना ने कहा कि यह मिशन किसानों और उनके परिवारों के समग्र कल्याण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। इससे पहले राज्य सरकार युवा, नारी शक्ति और गरीब कल्याण मिशन पहले ही शुरू कर चुकी है। कृषक कल्याण मिशन की साधारण सभा के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे, जबकि कार्यकारिणी समिति की अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे। जिला स्तर पर मिशन का क्रियान्वयन कलेक्टर की अध्यक्षता में किया जाएगा।

किसानों के कल्याण के सभी प्रयास एक मंच पर:

मंत्री श्री कंषाना ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विज़न के अनुरूप राज्य सरकार किसानों, युवाओं, महिलाओं और गरीबों के हित में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। कृषक कल्याण मिशन एक ऐसा प्लेटफॉर्म होगा, जिसके माध्यम से कृषि से जुड़ी सभी योजनाएं और प्रयास समन्वयित रूप से आगे बढ़ाए जाएंगे।

मिशन के प्रमुख उद्देश्य:

मध्यप्रदेश कृषक कल्याण मिशन का मूल उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि और कृषि को जलवायु अनुकूल बनाना है। इसके तहत सतत कृषि पद्धतियों को बढ़ावा मिलेगा, जैव विविधता और पारंपरिक कृषि ज्ञान का संरक्षण, पोषण और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना और उपज का उचित मूल्य दिलाना शामिल है।

मिशन में इन विभागों की होगी प्रमुख भूमिका: कृषि, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण, मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी, सहकारिता, खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभागों की इस मिशन में महत्वपूर्ण भागीदारी होगी।

मिशन के प्रमुख लक्ष्य:

  1. मंत्री श्री कंषाना ने बताया कि मिशन में कई दीर्घकालिक लक्ष्य तय किए गए हैं, जैसे:
  2. उद्यानिकी फसलों का सकल वर्धित मूल्य कृषि फसलों से अधिक करना,
  3. कृषि यंत्रीकरण को 1.5 गुना करना,
  4. कृषि निवेश में 75% की वृद्धि,
  5. प्रदेश को नरवाई जलाने से मुक्त करना,
  6. कुल बोये गए क्षेत्र का 10% जैविक/प्राकृतिक/GAP खेती में लाना,
  7. सूक्ष्म सिंचाई को 20% क्षेत्र तक विस्तार देना,
  8. फसल बीमा कवरेज को 50% तक बढ़ाना।

किसानों को मिलेगा ऊर्जा में भी अधिकार:

  1. उन्नत एवं संकर बीजों का विस्तार 50% क्षेत्र तक,
  2. किसानों को ऊर्जादाता बनाना,
  3. सौर ऊर्जा पंप अनुदान पर उपलब्ध कराना,
  4. अतिरिक्त बिजली बेचने पर किसानों को भुगतान देना,
  5. अस्थायी कनेक्शनधारी किसानों को सौर पंप उपलब्ध कराना।

मूल्य व विपणन सुविधाओं में बड़ा विस्तार:

  1. नई प्र-संस्करण इकाइयों की स्थापना,
  2. विपणन नेटवर्क और बाहरी मंडियों तक पहुंच का विस्तार,
  3. 100 मंडियों का आधुनिकीकरण,
  4. मत्स्य बीज उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में कार्य।
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