ड्रोन टेक्नोलॉजी का हब बनेगा मध्यप्रदेश
By khetivyapar
पोस्टेड: 14 Feb, 2025 12:00 AM IST Updated Sat, 15 Feb 2025 07:54 AM IST
मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य को ड्रोन निर्माण और तकनीकी नवाचार का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसके तहत मध्यप्रदेश ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025 को मंजूरी दी गई है, जो निवेश को आकर्षित करने और ड्रोन टेक्नोलॉजी के विस्तार में सहायक होगी। राज्य में जल्द ही ड्रोन डेटा रिपॉजिटरी बनाई जाएगी, जो प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना से प्रेरित एक केंद्रीकृत प्लेटफॉर्म होगा। यह प्लेटफॉर्म सरकारी ड्रोन डेटा और इमेजरी का भंडारण करेगा, जिससे तत्काल निगरानी और विकास कार्यों में तेजी लाई जा सकेगी।
ड्रोन टेक्नोलॉजी का बढ़ता उपयोग:
ड्रोन, बिना पायलट वाला एक आधुनिक उपकरण है, जो कृषि, आपदा प्रबंधन, बुनियादी ढांचे के निरीक्षण और सुरक्षा निगरानी जैसे क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। यह तेजी से डेटा संग्रह, लागत में बचत और अधिक सटीक परिणाम देने की क्षमता रखता है।
1. कृषि क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग:
- फसलों की स्वास्थ्य निगरानी, रोगों का पता लगाने और पैदावार मूल्यांकन में सहायक।
- सटीक उर्वरक और कीटनाशक छिड़काव, जिससे अपशिष्ट कम होता है और पर्यावरणीय प्रभाव घटता है।
2. आपदा प्रबंधन में ड्रोन की भूमिका:
- थर्मल इमेजिंग और हाई-रिज़ोल्यूशन कैमरों के माध्यम से आपदा प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी।
- बचाव कार्यों में तेजी और प्रभावी रणनीति बनाने में सहायता।
3. बुनियादी ढांचे और वन्यजीव संरक्षण में योगदान:
- पुलों, इमारतों और अन्य संरचनाओं का निरीक्षण, जिससे सुरक्षा और रखरखाव में सुधार होता है।
- वन्यजीवों की निगरानी, बिना किसी हस्तक्षेप के उनके व्यवहार पर नजर रखना।
4. ड्रोन स्कूलों की स्थापना:
- नई ड्रोन नीति के तहत ड्रोन स्कूलों की स्थापना की जाएगी, जहां ड्रोन संचालन, तकनीकी प्रशिक्षण और अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे छात्रों और पेशेवरों को उद्योग की बढ़ती मांग के अनुसार प्रशिक्षित किया जा सकेगा।
ड्रोन नीति से संभावित लाभ:
- 370 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद।
- 8,000 नए रोजगार (2,200 प्रत्यक्ष और 6,600 अप्रत्यक्ष रोजगार)।
- प्रति करोड़ रुपये के निवेश पर लगभग 25-30 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना।
वित्तीय प्रोत्साहन एवं सब्सिडी:
- नए निवेश पर 40% पूंजी सब्सिडी (अधिकतम ₹30 करोड़ तक)।
- लीज रेंटल पर 3 वर्षों तक 25% की प्रतिपूर्ति (अधिकतम ₹5 लाख प्रति वर्ष)।
- R&D परियोजनाओं को ₹2 करोड़ तक का अनुदान।
- सीखो कमाओ योजना के तहत 6 महीने तक ₹8,000 प्रतिमाह स्टाइपेंड।
- ड्रोन टेक्नोलॉजी से जुड़े कॉलेजों/संस्थानों को 50% कैपेक्स सब्सिडी (₹25 लाख तक)।
- पेटेंट कराने पर घरेलू पेटेंट के लिए ₹5 लाख और अंतरराष्ट्रीय पेटेंट के लिए ₹10 लाख तक की सहायता।
- ₹50 करोड़ से अधिक निवेश वाली मेगा स्केल इकाइयों के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन।
ड्रोन सेक्टर का उज्जवल भविष्य: डिजिटलीकरण और सरकारी नीतियों के सहयोग से ड्रोन उद्योग में तेजी से विकास हो रहा है। वैश्विक ड्रोन बाजार 2022 में $71 अरब से बढ़कर 2030 तक $144 अरब तक पहुंचने की संभावना। भारत में ड्रोन बाजार 2030 तक $13 अरब तक पहुंच सकता है। मध्यप्रदेश, ड्रोन निर्माण और नवाचार में अग्रणी राज्य बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। यह नीति तकनीकी विकास, रोजगार सृजन और राज्य की आर्थिक समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।