विज्ञापन
महाकुंभ भारत के धार्मिक आयोजनों में सबसे भव्य और ऐतिहासिक पर्व है। हर 12 वर्षों में आयोजित होने वाला यह मेला न केवल श्रद्धालुओं बल्कि विदेशी पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है। विशेष स्नान दिवस (Royal Bath Days) इस मेले के मुख्य आकर्षण होते हैं
पौराणिक मान्यता के अनुसार, महाकुंभ के विशेष स्नान दिनों पर गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान करने से जीवन के समस्त पापों का नाश होता है और आत्मा शुद्ध होती है। इन दिनों ग्रहों की स्थिति और शुभ मुहूर्त के अनुसार लाखों श्रद्धालु डुबकी लगाकर मोक्ष की कामना करते हैं।
आध्यात्मिक अनुभव: महाकुंभ के दौरान विशेष स्नान दिवस पर मंत्रोच्चार, हवन, भजन-कीर्तन, और साधु-संतों की उपस्थिति पूरे क्षेत्र को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देती है। नागा साधुओं का शाही स्नान आस्था और परंपरा का प्रतीक होता है।
व्यवस्था और पर्यावरण संरक्षण: विशेष स्नान के दौरान गंगा नदी की स्वच्छता को बनाए रखने के लिए प्रशासन विशेष ध्यान देता है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाता है ताकि नदियों का प्रदूषण रोका जा सके।
महाकुंभ के विशेष स्नान दिवस न केवल धार्मिक आयोजन हैं बल्कि भारतीय संस्कृति, पर्यावरण जागरूकता और मानवता के मेल का प्रतीक भी हैं। यह आयोजन श्रद्धालुओं को आत्मा की शुद्धि और मन की शांति प्रदान करता है। साथ ही देश की सांस्कृतिक समृद्धि को भी उजागर करता है। तो इस महाकुंभ आप भी अपने परिवार के साथ संगम में डुबकी लगाने आ रहे है ना....
ये भी पढें... संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ में जल्द होंगे नागा साधुओं के दर्शन, जानिए कौन है नागा साधु