विज्ञापन
महाकुंभ 2025 की तैयारियां पूरे ज़ोर-शोर से चल रही हैं। गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर होने वाला यह मेला न सिर्फ धार्मिक आयोजन है, बल्कि भारतीय संस्कृति, आस्था और एकता का सबसे बड़ा प्रतीक माना जाता है। तीर्थराज प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन आगामी 15 जनवरी से 26 फरवरी तक संगम तट के किनारे किया जायेगा।
महाकुंभ का आयोजन प्रत्येक 12 साल में एक बार तीर्थराज प्रयागराज में त्रिवेणी संगम के किनारे किया जाता है। महाकुंभ को दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन माना जाता है। मान्यता है कि संगम में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह आयोजन लाखों श्रद्धालुओं, संतों और अखाड़ों को एकजुट करता है, जो यहां धार्मिक अनुष्ठान, प्रवचन और साधना के लिए एकत्रित होते हैं।
प्रयागराज में महाकुंभ के लिए भव्य तैयारियां हो रही हैं। संगम के पास लाखों श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए अस्थायी टेंट सिटी तैयार की जा रही है। कल्पवासियों के लिए 11 लाख से ज्यादा टेंट का निर्माण प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा किया गया है। सरकार ने पीने के पानी, साफ-सफाई, बिजली और सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया है। इसके अलावा, यातायात को सुचारू बनाने के लिए नई सड़कें, पुल और पार्किंग स्थलों का निर्माण किया जा रहा है।
ये भी पढें... Mahakumbh 2025: संगम नगरी प्रयागराज के मनकामेश्वर मंदिर के दर्शन से पूरी होंगी सारी मनोकामनाएं
महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह भारत का एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी बन जाता है। लाखों देशी-विदेशी पर्यटक इसे देखने आते हैं। महाकुंभ के कारण स्थानीय व्यापार, जैसे होटल, दुकानें, हस्तशिल्प और परिवहन सेवाओं को बहुत लाभ होता है। इस आयोजन के दौरान प्रयागराज एक अंतरराष्ट्रीय मंच बन जाता है और यहां लोग भारतीय संस्कृति की गहराई को अनुभव करते हैं।
मुख्य स्नान पर्व की तारीखें: महाकुंभ 2025 के मुख्य स्नान पर्वों की तारीखें पहले ही घोषित हो चुकी हैं। मकर संक्रांति, पौष पूर्णिमा, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी जैसे अवसरों पर लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने वाली है।
महाकुंभ: आस्था का अद्भुत अनुभव: आस्था, एकता और संस्कृति का वह संगम जो हर किसी के जीवन में खास यादें जोड़ता है। महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय परंपरा और विरासत का उत्सव है। इस आयोजन का हिस्सा बनकर आध्यात्मिक शांति, भक्ति और भारतीयता का अनुभव जरूर करें।