Mangla Pashu Bima Yojna: राजस्थान सरकार ने मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के तहत पशुपालकों को एक बड़ी राहत प्रदान की है। इस योजना की अंतिम तिथि अब 31 जनवरी, 2025 तक बढ़ा दी गई है। यह योजना प्रदेश के उन पशुपालकों के लिए लाभकारी है, जो गाय, भैंस, ऊंट, बकरी और भेड़ जैसे पशुओं का पालन करते हैं। इसके तहत पशुओं का मुफ्त बीमा कराया जाएगा, जो पशुपालकों के आर्थिक संकट को कम करने में मदद करेगा।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन को बढ़ावा देना और पशुपालकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। राजस्थान सरकार ने इस योजना के तहत लगभग 21 लाख पशुओं का बीमा कराने का लक्ष्य रखा है। बीमा की राशि प्रत्येक पशु के लिए 5 लाख रुपये तक है, जिससे पशुपालक अपनी आजीविका को सुरक्षित कर सकते हैं।
राजस्थान सरकार ने इस योजना के लिए 400 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है। इसके तहत:
किन पशुपालकों को मिलेगा लाभ?
इस योजना के अंतर्गत केवल गोपाल क्रेडिट कार्ड धारक, लखपति दीदी योजना लाभार्थी, और लॉटरी द्वारा चयनित जन आधार कार्ड धारक पशुपालकों को शामिल किया गया है। पात्र पशुपालकों के पास अधिकतम:
पशुपालकों के लिए आवश्यक दस्तावेज:
पशु की उम्र का निर्धारण (मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना): इस योजना के तहत बीमा के लिए पात्रता सुनिश्चित करने के लिए पशुओं की आयु का निर्धारण किया गया है। विभिन्न पशुओं के लिए बीमा हेतु निर्धारित उम्र निम्न प्रकार से है:
क्रम संख्या | पशु का प्रकार | बीमा हेतु आयु सीमा |
1 | गाय (दुधारू) | 3 वर्ष से 12 वर्ष |
2 | भैंस (दुधारू) | 4 वर्ष से 12 वर्ष |
3 | बकरी (मादा) | 1 वर्ष से 6 वर्ष |
4 | भेड़ (मादा) | 1 वर्ष से 6 वर्ष |
5 | ऊंट (नर एवं मादा) | 2 वर्ष से 15 वर्ष |
नोट:
पशु की कीमत का मूल्यांकन: पशु की कीमत का मूल्यांकन उसके स्वास्थ्य, दुग्ध उत्पादन क्षमता, आयु, जाति, आदि के आधार पर प्रचलित बाजार मूल्य के अनुसार किया जाएगा। यह मूल्यांकन पशु चिकित्सक, पशुपालक और बीमा प्रतिनिधि के बीच आपसी सहमति से किया जाएगा। हालांकि, बीमा के लिए एक कैटल यूनिट पशु की अधिकतम कीमत ₹40,000/- रूपये ही होगी।
कैसे करें आवेदन?
मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना राजस्थान सरकार की एक अद्भुत पहल है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है। यह योजना न केवल किसानों की आय बढ़ाने में सहायक है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सुदृढ़ बनाएगी। पशुपालकों को चाहिए कि वे समय रहते पंजीकरण करवाएं और इस योजना का अधिकतम लाभ उठाएं।
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