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Mango Cultivation in Hindi: यूपी के आम किसान, इस तरीके से बढ़ाएं आम की पैदावार

यूपी के आम किसान, इस तरीके से बढ़ाएं आम की पैदावार
यूपी के आम किसान, इस तरीके से बढ़ाएं आम की पैदावार

फलों का राजा कहा जाने वाला आम, सबकी पहली पसंद होता है। देश में उगने वाले आम को विदेश में भी निर्यात किया जाता है। अगर आम की किस्मों की बात करें तो लोगों को उत्तर प्रदेश के लखनऊ के पास मलिहाबाद के आम ज्यादा पसंद आते हैं। यूपी की इस जगह के आम विदेशों तक में अपनी पहचान बनाए हुए हैं। ऐसे में आम की बागवानी करने वाले किसान कुछ सामान्य तरीकों से आम की पैदावार बढ़ा सकते हैं। साथ ही इससे उनकी कमाई भी बढ़ सकती है।

कब करनी चाहिए सिंचाई When Should irrigation Be Done?:

विशेषज्ञों के अनुसार आम की क्वालिटी उत्पादन के लिए यह वक्त काफी अहम है, क्योंकि मंजर निकलने से लेकर फल आने तक की अवस्था बेहद संवेदनशील होती है। आम में बौर निकलने के दो-तीन महीने पहले ही बगीचे से सिंचाई बंद कर देनी चाहिए। पौधों पर फल लग जाने के बाद आम की खेती, में दो या तीन बार सिंचाई करनी चाहिए। पहली सिंचाई को फल लगने के बाद करना चाहिए। दूसरी सिंचाई को जब आम के फल कांच की गोली जैसी होती है, तब करना चाहिए और तीसरी सिंचाई को मई के दूसरे सप्ताह में करना चाहिए। इससे आम के आकार और गुणवत्ता में वृद्धि होती है। आम में बौर बनने की अवस्था पर सिंचाई नहीं करनी चाहिए। इससे उनके गिरने का खतरा बना रहता है।

दवा के चिढ़काव का सही समय Right time to Administer the Medicine:

किसान अगर अच्छी पैदावार के लिए बौर निकलने से पहले 3 प्रतिशत यूरिया के घोल का छिड़काव करते हैं, तो इससे बौर और फलन के लिए फायदेमंद होता है। बौर निकलने के समय आम के पेड़ पर कीटनाशकों का छिड़काव नहीं करना चाहिए, क्योंकि आम में परागण हवा या मधुमक्खियों द्वारा होता है। अगर कीटनाशक का छिड़काव किया जाता है, तो मधुमक्खियां मर जाएंगी और बौर में नमी के कारण परागण संभव नहीं हो पाता है, इससे फल लगने में कमी आती है अगर संभव हो तो बौर निकलते समय मधुमक्खियों के लिए मधुबक्सों को अपने बाग के पास रखें आम के फूलों में बेहतर परागण होता है। इससे आम के फ्रूट सेटिंग करने में मदद मिलती है।

फलों को गिरने और फटने से कैसे बचाएं?

फल तैयार होने के वक्त तक कुछ दिनों पर फलों को पानी की हल्की फुहार देते रहना चाहिए। इसमें बोरॉन का इस्तेमाल बेहतर होता है। जब फल मटर के दाने के बराबर हो जाते हैं तब 2 ग्राम बोरेक्स प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। फलों को गिरने से रोकने लिए प्लेनोफिक्स 90 मिलीलीटर दवा को 200 लीटर का छिड़काव करना चाहिए। पेड़ की पंखुड़ियाँ गिरने और फल बनना शुरू होने से पहले फूलों को तोड़ लेते हैं, तो फल गिरने से बचाया जा सकता है। फलों का जल्दी गिरना एक स्व-विनियमन प्रक्रिया हो सकती है जिससे एक फल का पेड़ तब अपनाता है जब उसके पास अपने सभी फलों को पकाने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं होते हैं।

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