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मैंगो शूट गॉल मेकर कीट से बचाव और जाने इसके नियंत्रण के उपाय

मैंगो शूट गॉल मेकर कीट
मैंगो शूट गॉल मेकर कीट

आम दुनिया के सबसे लोकप्रिय और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण फलों में से एक है, जिसे इसके स्वाद और सुगंध के लिए जाना जाता है। लेकिन अन्य कृषि फसलों की तरह आम के पेड़ भी कई कीटों और बीमारियों के प्रति संवेदनशील होते हैं, जो उपज और गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं। इन्हीं में से एक खतरनाक कीट है मैंगो शूट गॉल मेकर (Procontarinia matteiana), जो आम के उत्पादन को भारी नुकसान पहुंचा सकता है।

क्या है मैंगो शूट गॉल मेकर कीट What is Mango Shoot Gall Maker Pest?

मैंगो शूट गॉल मेकर, जिसे वैज्ञानिक रूप से प्रोकोंटारिनिया मैटियाना कहा जाता है, सेसिडोमीइडे परिवार का एक छोटा डिप्टरस कीट (मिडज) है। यह मुख्य रूप से एशिया में पाया जाता है और दुनिया भर के आम उत्पादक क्षेत्रों में फैल चुका है। मादा कीट आमतौर पर वसंत और गर्मी के मौसम में युवा टहनियों पर अंडे देती है, जिससे पौधे की वृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

मैंगो शूट गॉल मेकर कीट का लक्षण Symptoms of Mango Shoot Gall Maker Pest:

मैंगो शूट गॉल मेकर कीट के हमले से आम के पेड़ों को कई नुकसान हो सकते हैं। संक्रमित टहनियाँ बौनी हो जाती हैं और फल नहीं देतीं, जिससे उत्पादन घट जाता है। पित्त (गॉल) के कारण टहनियाँ मुड़ जाती हैं और सही तरह से विकसित नहीं हो पातीं। लंबे समय तक संक्रमण से पेड़ कमजोर होकर अन्य बीमारियों और कीटों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं। संक्रमित और विकृत पेड़ का सौंदर्य भी प्रभावित होता है, जिससे उसकी बाजार में मांग कम हो सकती है।

नियंत्रण और प्रबंधन के उपाय:

  1. संक्रमित टहनियों की छंटाई – निष्क्रिय मौसम में संक्रमित टहनियों को काटकर जला देना चाहिए ताकि कीट का जीवन चक्र टूट सके।
  2. रासायनिक नियंत्रण – गंभीर संक्रमण की स्थिति में इमिडाक्लोप्रीड जैसे कीटनाशकों का छिड़काव किया जा सकता है। इसे नई कोपल निकलने के समय प्रयोग करना अधिक प्रभावी होता है।
  3. बगीचे की स्वच्छता – गिरे हुए पत्तों और मलबे को हटाकर बगीचे को स्वच्छ रखना चाहिए, ताकि लार्वा को आश्रय न मिले।
  4. जैविक नियंत्रण – प्राकृतिक शिकारियों जैसे ततैया की कुछ प्रजातियों को प्रोत्साहित करें, जो इस कीट का शिकार कर सकती हैं।
  5. प्रतिरोधी किस्मों का रोपण – ऐसी आम की किस्मों का चयन करें, जो इस कीट के प्रति अधिक सहनशील हों।
  6. नियमित निगरानी – संक्रमण के लक्षणों जैसे पित्त और विकृत टहनियों की पहचान के लिए समय-समय पर बागानों की जांच करें।

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