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उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को राज्य का बजट 2024-25 पेश किया। इस दौरान राज्य की योगी सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए कई बड़े ऐलान किए। इसमें सरकार ने आने वाले समय में किसानों के लिए कुछ अहम योजनाएं चलाने की भी प्रतिबधता जताई। देश के कृषि क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का अहम स्थान है। इस कारण सरकार ने किसानों को खुश करने की बात की है। इससे कृषि क्षेत्र में विकास होने और किसानों को समृद्ध बनाने के रास्ते खुलेंगे। इसके साथ ही किसानों के लिए खेती करना भी काफी आसान होगा। आइए जानते हैं इस बार के बजट में कृषि क्षेत्र के बारे में..
उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति, 2022 के अन्तर्गत पात्र इकाईयों को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किये जाने हेतु 300 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में तीन गुनी है।
उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति, 2017 के अन्तर्गत 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है।
प्रदेश में औसत गन्ना उत्पादकता 72 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 84 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर हो गयी है। गन्ने के साथ सहफसली खेती का आच्छादन बढ़ने से कृषकों को 25 प्रतिशत की अतिरिक्त आमदनी हुई। वर्तमान पेराई सत्र 2023-2024 में 29.66 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती तथा चीनी का उत्पादन 110 लाख टन से अधिक होने का अनुमान है। किसान सहकारी चीनी मिल, ननौता, जनपद सहारनपुर की कार्यक्षमता सुधार, सहकारी चीनी मिल लिमिटेड, गजरौला, जनपद अमरोहा की पेराई क्षमता 2500 टी.सी.डी. से बढ़ाकर 4900 टी.सी.डी. करने तथा सल्फरलेस रिफाइण्ड शुगर का उत्पादन करते हुये एक लाख लीटर प्रतिदिन एथेनाल उत्पादन क्षमता की आसवनी एवं कम्पे्रस्ड बायो गैस प्लाण्ट की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। पिपराईच एवं मुण्डेरवा में स्थापित 5000 टी.सी.डी. क्षमता की नई चीनी मिलों में 27 मेगावाट के बिजली उत्पादन संयंत्र तथा सल्फरलेस शुगर प्लाण्ट की स्थापना भी की गयी है।