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चिकित्सा उपकरण उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 500 करोड़ की नई योजना

चिकित्सा उपकरण उद्योग
चिकित्सा उपकरण उद्योग

कुल 500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता से यह व्यापक योजना चिकित्सा उपकरण उद्योग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करती है। यह योजना उद्योग के लिए एक गेमचेंजर साबित होगी और यह केवल उद्योग की मदद नहीं करेगी, बल्कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक लंबा कदम होगा।

चिकित्सा उपकरण उद्योग को एक बड़ा बढ़ावा देने के लिए रसायन और उर्वरक मंत्री और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज "चिकित्सा उपकरण उद्योग को सशक्त बनाने हेतु योजना" लॉन्च की। यह योजना चिकित्सा उपकरण उद्योग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करती है, जिसमें प्रमुख घटकों और सहायक उपकरणों का निर्माण, कौशल विकास, नैदानिक ​​अध्यानों के लिए समर्थन, सामान्य आधारभूत संरचनाओं का विकास और उद्योग प्रचार शामिल हैं।

चिकित्सा उपकरण उद्योग को बड़ा प्रोत्साहन:

रसायन और उर्वरक मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने इस योजना को एक गेमचेंजर बताते हुए कहा कि यह उद्योग के लिए सहायक साबित होगी और भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार की कार्यवाहक नीति की सराहना की और उद्योग से इस योजना की सफलता के लिए समर्थन की अपील की। 

चिकित्सा उपकरणों का उद्योग स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है। नैदानिक मशीनों से लेकर शल्य चिकित्सा उपकरणों तक और स्टेंट से लेकर कृत्रिम अंग तक, चिकित्सा उपकरण रोगों की रोकथाम, निदान और उपचार के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। भारत का चिकित्सा उपकरण बाजार लगभग 14 बिलियन डॉलर का है और 2030 तक इसके 30 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।

योजना के तहत सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी:

  1. सामान्य आधारभूत संरचना सुविधाओं का विकास: केंद्रीय सरकार चिकित्सा उपकरण क्लस्टर के लिए सामान्य आधारभूत संरचनाओं के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। इसमें अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाएं, डिज़ाइन और परीक्षण केंद्र, पशु प्रयोगशालाएं आदि शामिल हैं।
  2. मार्जिनल निवेश समर्थन: यह उप-योजना देश में मेडिकल टेक्नोलॉजी सप्लाई चेन को गहरा करने के लिए प्रमुख घटकों, कच्चे माल और सहायक उपकरणों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करेगी। इसमें एकमुश्त पूंजी सहायता प्रदान की जाएगी।
  3. कौशल विकास और क्षमता निर्माण: यह योजना तकनीकी कार्यबल के विकास पर जोर देगी, ताकि मेडटेक उत्पादों के डिज़ाइन और विकास में दक्षता लाई जा सके।
  4. नैदानिक ​​अध्यानों के लिए समर्थन: यह उप-योजना स्थापित कंपनियों और स्टार्ट-अप्स को पशु अध्ययन और मानव परीक्षणों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, ताकि मेडटेक उत्पादों की सुरक्षा और प्रभावकारिता की पुष्टि की जा सके।
  5. उद्योग संघों और निर्यात परिषदों के लिए समर्थन: यह योजना चिकित्सा उपकरणों से संबंधित गतिविधियों के प्रचार हेतु सम्मेलन और अन्य कार्यक्रमों के आयोजन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।

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