पोषण अभियान एक समग्र पोषण योजना है, जिसे 8 मार्च 2018 को शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के पोषण स्तर में सुधार करना है। इस अभियान के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की क्षमता बढ़ाने के लिए 'इनक्रिमेंटल लर्निंग अप्रोच' (ILA) अपनाई गई है।
15वें वित्त आयोग के तहत कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए आंगनवाड़ी सेवाएं, पोषण अभियान और 14-18 वर्ष की किशोरियों के लिए योजना (जो आकांक्षी जिलों और पूर्वोत्तर क्षेत्र में लागू है) को मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 (मिशन पोषण 2.0) के अंतर्गत सम्मिलित किया गया है।
मिशन पोषण 2.0 के अंतर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन दिए गए हैं, जिससे वे पोषण सेवाओं की निगरानी और वितरण को प्रभावी बना सकें। आईटी सिस्टम के माध्यम से आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषण आपूर्ति प्रणाली को पारदर्शी बनाया गया है। इससे बच्चों (0-6 वर्ष) में ठिगनापन, कम वजन और कुपोषण की स्थिति की पहचान करना आसान हुआ है। इस डिजिटल प्रणाली के कारण आंगनवाड़ी सेवाओं जैसे—रोज़ाना उपस्थिति, प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (ECCE), पका हुआ भोजन (HCM) या टेक होम राशन (THR) की आपूर्ति, बच्चों के विकास की निगरानी आदि का लगभग वास्तविक समय में डेटा संग्रहण संभव हुआ है।
कार्यभार में कमी और ऑनलाइन प्रशिक्षण: आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भौतिक रजिस्टर रखने की आवश्यकता नहीं है, जिससे उनका कार्यभार कम हुआ है। पोषण और प्रारंभिक देखभाल तथा शिक्षा से जुड़े प्रशिक्षण मॉड्यूल ऑनलाइन 'पोषण ट्रैकर' पर उपलब्ध कराए गए हैं।
'पोषण भी, पढ़ाई भी' पहल: इसके अलावा, 10 मई 2023 को 'पोषण भी, पढ़ाई भी' (PBPB) पहल की शुरुआत की गई। इसका उद्देश्य आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करना है ताकि वे छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों को बेहतर पोषण और देखभाल सेवाएं प्रदान कर सकें। अब तक, इस कार्यक्रम के अंतर्गत देशभर में 31,114 एसएलएमटी (CDPOs, सुपरवाइजर और अतिरिक्त संसाधन व्यक्ति) और 1,45,481 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए प्रोत्साहन योजना: मिशन पोषण 2.0 का एक महत्वपूर्ण हिस्सा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (AWWs) और सहायिकाओं (AWHs) को हर महीने प्रोत्साहन राशि देना है। बेहतर पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने तथा व्यवहार परिवर्तन को प्रोत्साहित करने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 500 रुपये प्रति माह और सहायिकाओं को 250 रुपये प्रति माह का प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन दिया जाता है। यह राशि बच्चों के विकास मापन, घर-घर भ्रमण और आंगनवाड़ी केंद्रों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए दी जाती है।