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मध्यप्रदेश के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है, सरकार ने अब गेहूं के टूटे और चमक विहीन दानों को भी खरीदने का ऐलान किया है। इस नई योजना के तहत, कम गुणवत्ता वाले गेहूं को खरीदने पर उपार्जन में FAQ मापदंड में भारी छूट दी गई है । यह योजना 25 अप्रैल से लागू हो चुकी है । इस बात का अधिकारिक ऐलान किया गया है।
इस साल के अनियमित मौसम से किसानों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। गेहूं की फसल के कटाई के बाद भी, बारिश की वजह से कई किसानों की फसल खेतों में ही रह गई। इसके परिणामस्वरूप, उनकी बारिश के कारण उनकी फसल की चमक चली गई, और इस वजह से किसानों को इस गेहूं को बेचना थोड़ा कठिन हो गया। सरकार (FAQ) के अनुसार अनाज खरीदती है, और यदि सरकार की गाइडलाइन्स के अनुसार अनाज नहीं होता है, तो उसे किसानों से नहीं खरीदा जाता। लेकिन अब केंद्र सरकार ने गेहूं की खरीद के नये मापदंड जारी किये है।
मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन के महाप्रबंधक का आदेश: मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन लिमिटेड के महाप्रबंधक उपार्जन शिखा पोरस नरवाल ने 24 अप्रैल को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया । इस आदेश के तहत क्षेत्रीय और जिला प्रबंधकों को खरीदी केंद्र पर FAQ मापदण्ड में छूट के संबंध में फ्लेक्स लगाने का आदेश दिया गया है।
उपार्जन के लिए पहले ये FAQ मापदण्ड थे पिछले महीने, समर्थन मूल्य में हो रही गेहूं खरीद के दौरान कुछ महत्वपूर्ण बदलाव हुए थे । इसमें सुकुड़े और टूटे हुए दाने 6%, चमक विहीन 30%, क्षतिग्रस्त दाना 2% और आंशिक क्षतिग्रस्त दाना 4% था । इससे अधिक होने पर गेहूं को रिजेक्ट कर दिया जा रहा था। गेहूं की खरीद में समर्थन मूल्य में हुए नये परिवर्तन 25 अप्रैल से, गेहूं की खरीद में समर्थन मूल्य में कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं । सुकुड़े और टूटे हुए दानों का अंश 15% तक हो गया है, चमक विहीन दानों का अंश 50% तक हो गया है, क्षतिग्रस्त दानों का अंश 6% तक हो गया है और आंशिक क्षतिग्रस्त दानों का अंश भी 6% तक हो गया है।
किसानों के लिए बडा फायदा इन परिवर्तनों से समर्थन मूल्य पर खरीद में एक बड़ा परिवर्तन हुआ है। जो किसानों को उनके उत्पादों के लिए उचित मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और वे अधिक उत्साहित महसूस करेंगे अपनी कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए।