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पर्याप्त वर्षा और अनुकूल मौसम से किसानों की फसल के लिये अच्छा रहा है, जिसके फलस्वरूप खरीफ फसल की उपज अच्छी रही है एवं रबी की बुवाई में भी तेजी देखी जा रही है। साथ मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बिजली पानी और खाद उर्वरक की सुविधा पर्याप्त मात्रा में कराई जा रही है। कुछ अंतर्राष्ट्रीय कारणों से उर्वरक आपूर्ति में विभिन्न चुनौतियों के बाद भी खरीफ में किसानों को पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध कराने के प्रयास किये गये। किसानों को रबी फसल के लिये लगातार उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री डा. यादव ने कहा कि खरीफ सीजन 2024 में 17.58 लाख मीट्रिक टन यूरिया का विक्रय हुआ था जो खरीफ सीजन 2023 में 15.54 लाख मीट्रिक टन था। इस वर्ष खरीफ में 2.04 लाख मीट्रिक टन यूरिया का अधिक विक्रय हुआ है। खरीफ 2024 में डीएपी और एनपीके 10.47 लाख मीट्रिक टन किसानों को विक्रय किया गया, जो विगत खरीफ 2023 में 10.56 लाख मीट्रिक टन था।
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रबी सीजन में किसानों को कृषि कार्य के लिये पर्याप्त मात्रा में बिजली एवं सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। अंतर्राष्ट्रीय करणों से विशेषकर डीएपी उर्वरक आपूर्ति में चुनौतियां बनी हुई हैं। रबी सीजन 2024-25 में 1 अक्टूबर से अभी तक 7.3 लाख मीट्रिक टन यूरिया का विक्रय हुआ है, जबकि विगत वर्ष 1 अक्टूबर से 18 नवम्बर 2023 तक 7.4 लाख मीट्रिक टन यूरिया का विक्रय हुआ था।
254 नगद उर्वरक विक्रय केन्द्रों की स्वीकृति: मार्कफेड के नगद उर्वरक विक्रय केन्द्रों पर 254 अतिरिक्त नगद उर्वरक विक्रय केन्द्र स्वीकृत किये गये हैं। कलेक्टर की अनुषंसा पर 160 विक्रय केन्द्र शुरू किये भी जा चुके हैं।
निरंतर उर्वरक उपलब्धता की समीक्षा: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव द्वारा की जा रही लगातार उर्वरक उवलब्धता की समीक्षा व व्यक्तिगत प्रयासों के फलस्वरूप प्रदेश में डीएपी और एनपीके की 31 रेक व यूरिया की 20 रेक ट्रांजिट में है। डीएपी व एनपीके हर दिन करीब 11 हजार मीट्रिक टन प्राप्त हो रहे हैं। रबी फसल के लिये पर्याप्त उर्वरक की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जा रही है।
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