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प्रदेश को गरीबी मुक्त बनाने के लिए गरीब कल्याण मिशन को मंजूरी, मछुआ समृद्धि योजना को 2025-26 तक जारी रखने का निर्णय

गरीब कल्याण मिशन
गरीब कल्याण मिशन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में प्रदेश को वर्ष 2028 तक गरीबी मुक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। मंत्रि-परिषद ने 'गरीब कल्याण मिशन' के क्रियान्वयन को मंजूरी दी, जिसका उद्देश्य राज्य के गरीब और वंचित वर्गों का आर्थिक उत्थान कर उनकी आय को न्यूनतम स्तर तक लाना है। यह मिशन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के संयुक्त सहयोग से अन्य विभागों के साथ मिलकर संचालित किया जाएगा।

गरीब कल्याण मिशन के प्रमुख घटक Key Components of the Garib Kalyan Mission:

  1. बहु-आयामी गरीबी इंडेक्स में सुधार
  2. आजीविका सुदृढ़ीकरण
  3. विद्यमान संगठनों का सशक्तिकरण

इस मिशन के तहत महिलाओं और बच्चों के पोषण, शिशु मृत्यु दर में कमी, गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य, माध्यमिक शिक्षा की उपलब्धता, स्कूल में छात्रों की उपस्थिति, स्वच्छता, पेयजल, विद्युत कनेक्शन, आवास निर्माण और वित्तीय समावेशन को बेहतर बनाने के प्रयास किए जाएंगे।

शासकीय भवनों में सोलर रूफटॉप संयंत्र लगाने की स्वीकृति:

  1. मंत्रि-परिषद ने "पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना" के तहत प्रदेश के शासकीय भवनों में सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना को मंजूरी दी है। यह परियोजना मिशन मोड में वर्ष 2025-26 तक पूरी की जाएगी।
  2. प्रदेश में 20 किलोवॉट या उससे अधिक क्षमता वाले शासकीय भवनों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। इन संयंत्रों की स्थापना रेस्को (RESCO) पद्धति या कैपेक्स (CAPEX) मोड में मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड द्वारा की जाएगी।
  3. योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तरीय समन्वय समिति और जिला स्तरीय समिति निगरानी रखेंगी। सभी सरकारी विभागों को अपने भवनों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए एक कार्ययोजना तैयार कर राज्य समन्वय समिति को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
  4. इस योजना के सफल कार्यान्वयन से मध्यप्रदेश सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो सकेगा।

मछुआ समृद्धि योजना को 2025-26 तक जारी रखने का निर्णय:

मंत्रि-परिषद ने "मुख्यमंत्री मछुआ समृद्धि योजना" को अगले दो वर्षों (2024-25 और 2025-26) तक निरंतर जारी रखने का निर्णय लिया है।

इस योजना के तहत:

  1. तालाबों में मत्स्य बीज उत्पादन और मत्स्यपालन
  2. झींगा पालन
  3. मत्स्यपालकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम
  4. किसान क्रेडिट कार्ड (ब्याज अनुदान)
  5. स्मार्ट फिश पार्लर की स्थापना
  6. एकीकृत सूचना प्रणाली का विकास
  7. राज्य की मछली 'महाशीर' का संरक्षण के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है।

यह योजना मत्स्य पालन क्षेत्र को प्रोत्साहित करने और मछुआ समुदाय की आजीविका को सशक्त बनाने में सहायक होगी।

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