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MP Weather Today: अप्रैल की शुरुआत में बदलेगा मध्य प्रदेश का मौसम, कई जिलों में बारिश और ओलावृष्टि की संभावना

नवरात्रि में एमपी में बारिश और ओलों का कहर
नवरात्रि में एमपी में बारिश और ओलों का कहर

चैत्र नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही मध्य प्रदेश में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदलने वाला है। अप्रैल के पहले सप्ताह में राज्य के कई हिस्सों में बारिश और ओलावृष्टि होने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन सक्रिय होने से प्रदेश के कई जिलों में तेज़ आंधी के साथ बारिश और ओले गिर सकते हैं। इस बदलाव का असर न केवल आम जनजीवन पर पड़ेगा बल्कि किसानों के लिए भी यह स्थिति चुनौतीपूर्ण हो सकती है।

किन जिलों में बारिश और ओलावृष्टि की संभावना?

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, 1 और 2 अप्रैल को भोपाल, इंदौर में आज का मौसम, जबलपुर, नर्मदापुरम, रीवा और शहडोल संभाग के विभिन्न जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। वहीं, कुछ स्थानों पर तेज़ आंधी के साथ ओलावृष्टि भी होने की संभावना है। हवाओं की रफ्तार 40 से 50 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है, जिससे बिजली के खंभों, पेड़ों और फसलों को नुकसान पहुंच सकता है। तेज़ हवाओं और बारिश के कारण तापमान में भी हल्की गिरावट दर्ज की जा सकती है।

मौसम में यह बदलाव क्यों हो रहा है?

मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, यह बदलाव पश्चिमी विक्षोभ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन के प्रभाव से हो रहा है। इन मौसमी घटनाओं के कारण वातावरण में नमी की मात्रा बढ़ेगी, जिससे बादल बनेंगे और बारिश व ओलावृष्टि की संभावना बढ़ जाएगी। इससे पहले भी मार्च के महीने में पश्चिमी विक्षोभ के चलते राज्य के कई जिलों में बारिश और ओलावृष्टि देखी गई थी, जिससे किसानों को नुकसान हुआ था।

तापमान पर कैसा असर पड़ेगा?

मार्च के अंतिम दिनों में तापमान में ज्यादा वृद्धि नहीं होगी, लेकिन अप्रैल की शुरुआत में जैसे ही बारिश और हवाएं तेज़ होंगी, दिन और रात के तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है। मौसम विभाग का कहना है कि बारिश के बाद गर्मी का असर कुछ दिनों के लिए कम हो सकता है, लेकिन बाद में तापमान फिर से बढ़ने लगेगा।

इस मौसम बदलाव से किसानों को क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

बारिश और ओलावृष्टि का सबसे अधिक असर किसानों पर पड़ सकता है। गेहूं, चना, सरसों और अन्य रबी फसलों की कटाई का समय चल रहा है और इस मौसम में अचानक हुई बारिश फसलों को नुकसान पहुंचा सकती है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे फसलों की कटाई में देरी न करें और पहले से ही अनाज के सुरक्षित भंडारण की व्यवस्था करें। इसके अलावा, उन किसानों को भी सतर्क रहने की जरूरत है, जिन्होंने अभी तक फसलों की कटाई नहीं की है। खेतों में अधिक पानी जमा होने से फसलों की गुणवत्ता पर भी असर पड़ सकता है।

जनता के लिए अलर्ट जारी: मौसम विभाग ने तेज़ आंधी और बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है, लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने और सतर्कता बरतने की अपील की गई है। किसानों और वाहन चालकों को भी खराब मौसम के प्रभाव से बचने के लिए सावधानी रखने की सलाह दी गई है।

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