मध्यप्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना ने कहा कि किसान कल्याण मिशन के तहत किसानों की आय बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह मिशन कृषि को लाभकारी व्यवसाय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। कृषि विकास विभाग द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए मध्यप्रदेश प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड का गठन किया गया है।
राज्य में प्राकृतिक खेती अपनाने वाले किसानों के पंजीयन के लिए एक पोर्टल शुरू किया गया है, जिस पर अब तक 72,967 किसानों ने पंजीयन कराया है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में पीएम किसान समृद्धि केंद्र की स्थापना की जाएगी, जिससे किसानों को कृषि से संबंधित सभी सुविधाएँ एक ही स्थान पर मिल सकेंगी।
MSP पर सोयाबीन की खरीद से लाखों किसानों को फायदा: मध्यप्रदेश सरकार ने पहली बार सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 4,892 रुपये प्रति क्विंटल तय किया और लगभग 2 लाख किसानों से 3,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि का भुगतान करते हुए सोयाबीन खरीदी।
बीज, उर्वरक और सिंचाई सुविधाओं का विस्तार: खरीफ 2024 में 1.23 लाख क्विंटल से अधिक प्रमाणित बीज का वितरण किया गया। उर्वरक आपूर्ति केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई और अमानक उर्वरक बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई की गई। उर्वरक गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाओं को और सक्रिय किया गया ताकि किसानों को गुणवत्तापूर्ण उर्वरक मिले। किसानों को अधिक मूल्य देने वाली फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सिंचित क्षेत्र को अगले पांच वर्षों में 50 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 1 करोड़ हेक्टेयर करने का लक्ष्य है।
सौर ऊर्जा से कृषि को नई दिशा:
मध्यप्रदेश में उद्यानिकी क्षेत्र में बढ़त: