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Mustard farming: राजस्थान में सरसों की खेती में सुधार, सुपर फास्फेट के इस्तेमाल से उत्पादन में वृद्धि, जानिए कैसे

सुपर फास्फेट के साथ बेहतर उत्पादन
सुपर फास्फेट के साथ बेहतर उत्पादन

राजस्थान की कृषि आयुक्त, सुश्री चिन्मयी गोपाल ने भरतपुर जिले का दौरा किया और कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान उन्होंने राज्य सरकार की बजट घोषणाओं को समय पर लागू करने और किसानों को योजनाओं का अधिकतम लाभ प्रदान करने पर विशेष जोर दिया।

सरसों में सुपर फास्फेट के उपयोग को बढ़ावा Promote the use of super phosphate in mustard:

बैठक में आयुक्त ने कहा कि सरसों की खेती में डीएपी की जगह सुपर फास्फेट के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए, ताकि तेल की गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार हो सके। इसके साथ ही उन्होंने हर पंचायत समिति में कृषि आदानों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, जिससे बुवाई के समय किसानों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो।

अधिकारियों को डीएपी की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश:

अधिकारियों को निर्देशित करते हुए आयुक्त ने कहा कि डीएपी और अन्य उर्वरकों का वितरण निर्धारित दरों पर किया जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी स्तर पर यदि अनियमितता पाई जाती है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी और इसकी सूचना तुरंत कृषि आयुक्तालय को भेजी जाएगी।

प्रधानमंत्री फसल बीमा और कुसुम योजना की प्रगति की समीक्षा: बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत क्रॉप कटिंग प्रयोगों को ऐप के माध्यम से सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर चर्चा की गई। इसके अलावा, प्रधानमंत्री कुसुम योजना सहित अन्य योजनाओं में लक्ष्यों को समयबद्ध रूप से पूरा करने के लिए जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य किसानों को समय पर कृषि योजनाओं का लाभ दिलाना और कृषि उत्पादन में सुधार लाने के लिए आवश्यक कदम उठाना था।

 

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