बदलते दौर में खेती के नए विकल्प किसानों के लिए समृद्धि के नए रास्ते खोल रहे हैं। इसी दिशा में सरकार ने राष्ट्रीय बाँस मिशन योजना (National Bamboo Mission) के तहत किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की एक खास पहल शुरू की है। वर्ष 2024-25 के लिए यह योजना बिहार के 7 जिलों में लागू की गई है, जिसका उद्देश्य सीमित भूमि पर High Density Bamboo Plantation को बढ़ावा देना है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को बाँस की खेती के लिए वित्तीय सहायता, तकनीकी मार्गदर्शन और बाजार से जोड़ने की सुविधाएं दी जाएंगी। यदि आप भी कम ज़मीन में बेहतर मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो यह योजना आपके लिए एक शानदार अवसर हो सकता है।
यह योजना बिहार राज्य के सात जिलों में लागू की जाएगी – अररिया, कटिहार, किशनगंज, पूर्णियाँ, मधेपुरा, सहरसा और सुपौल। इन जिलों में रहने वाले किसान इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
High Density Bamboo Plantation के लिए न्यूनतम भूमि 0.1 एकड़ (0.04 हेक्टेयर) और अधिकतम भूमि 0.5 एकड़ (0.2 हेक्टेयर) निर्धारित की गई है। किसान इसी दायरे में बाँस की खेती के लिए आवेदन कर सकते हैं।
पात्रता शर्तें क्या हैं?
इस योजना का लाभ केवल रैयत कृषक यानी ज़मीन के मालिक किसान ही ले सकते हैं। आवेदन करते समय भूमि संबंधी दस्तावेज़ अनिवार्य होंगे। यदि किसान का नाम स्पष्ट रूप से भूमि दस्तावेजों या राजस्व रसीद में नहीं है, तो उसे वंशावली प्रमाणपत्र भी साथ में देना होगा।
बैंक खाता और पंजीकरण की शर्तें: इच्छुक किसानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका बैंक खाता DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) प्रणाली में पंजीकृत हो। आवेदन करने से पहले बैंक विवरण की जांच आवश्यक है।
लाभार्थियों का चयन कैसे होगा?
लाभार्थियों का चयन सामाजिक वर्ग के अनुसार किया जाएगा
इसके अलावा, प्रत्येक वर्ग में महिलाओं की 30% भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया:
आवेदन करने के बाद, फार्मिंग बेड योजना और गमले की योजना के लिए लाभार्थियों को उनके अंश की राशि जमा करने के लिए बैंक खाता संख्या और अन्य विवरण भेजे जाएंगे।