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नई दिल्ली में ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) ने भोजन, पोषण, स्वास्थ्य और स्वच्छता (FNHW) पर राष्ट्रीय सम्मेलन का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस आयोजन ने FNHW गतिविधियों को प्राथमिकता देने के प्रयास में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया, जिसमें स्व-सहायता समूहों (SHG) के नेटवर्क की भूमिका पर जोर दिया गया।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, श्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि विकसित भारत का सपना देश की बेटियों की क्षमता के माध्यम से साकार हो सकता है। उन्होंने कहा कि SHG सदस्यों के स्वास्थ्य और पोषण पर ध्यान केंद्रित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो लाखपति बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक हो सकता है। उन्होंने संबंधित पक्षों से आग्रह किया कि वे FNHW पर जागरूकता बढ़ाने के लिए मिलकर काम करें और SHG दीदियों को इस पहल का नेतृत्व करना चाहिए।
ग्रामीण विकास और संचार राज्य मंत्री, डॉ. चंद्र शेखर पेम्मासानी ने ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन और स्वास्थ्य एवं पोषण परिणामों की प्राप्ति में SHGs की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि FNHW सिर्फ एक रणनीति नहीं है, बल्कि एक क्रांति है। उन्होंने कहा कि हमें साथ मिलकर काम करना चाहिए ताकि दूसरों को प्रेरित किया जा सके और मजबूत महिलाएं, मजबूत परिवार, मजबूत भारत बनाया जा सके। ग्रामीण विकास सचिव, श्री शैलेश कुमार सिंह ने मंत्रालयों/विभागों, नागरिक समाज संगठनों और सामुदायिक सहभागिता के बीच सहयोग और समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया।
इसके अतिरिक्त सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय, श्री चरणजीत सिंह ने राष्ट्रीय सम्मेलन के तीन मुख्य शब्दों - संगठन, जो 91 लाख SHGs में 10 करोड़ महिलाओं की सामूहिक भावना और समर्पण का प्रतीक है; समृद्धि, यानी आर्थिक परिवर्तन जो 3 करोड़ लाखपति दीदियों के लक्ष्य की प्राप्ति के माध्यम से हासिल किया जाएगा और स्वास्थ्य संगठन व समृद्धि के बीच का जो संबंध है उसपर विस्तार से चर्चा हुई।
इस आयोजन में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय, पेयजल और स्वच्छता विभाग, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, सामुदायिक संस्थानों, और नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधियों सहित प्रमुख सरकारी मंत्रालयों और विभागों की सक्रिय भागीदारी देखी गई। सम्मेलन का समापन ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने, गरीबी के दुष्चक्र को तोड़ने और पूरे भारत में सुदृढ़ समुदायों का निर्माण करने की सामूहिक प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि के साथ हुआ।