गुजरात के माननीय राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत जी ने कहा कि प्राकृतिक खेती का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र और मानव आवश्यकताओं के बीच परस्पर निर्भरता को पहचानना है। हलोल, गुजरात स्थित गुजरात नेचुरल फार्मिंग साइंस यूनिवर्सिटी में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया जायेगा।
इस पर राज्यपाल ने कहा कि प्राकृतिक खेती मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाती है, पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करती है, किसानों की बाजार पर निर्भरता और लागत को कम करती है। साथ ही यह बेहतर जलवायु सहनशीलता प्रदान करती है और भविष्य की पीढ़ियों के लिए सुरक्षित और स्वस्थ खाद्य और पर्यावरण सुनिश्चित करती है।
भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (NMNF), जिसे केंद्र सरकार ने 2025 में मंजूरी दी है, देशभर के किसानों और समुदायों की दशकों पुरानी प्राकृतिक खेती की प्रथाओं से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि यह योजना किसानों के खेतों पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कृषि प्रथाओं को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। एनएमएनएफ योजना के कार्यान्वयन में प्राकृतिक खेती के अनुभव वाले सभी किसान वैज्ञानिक और संस्थान सक्रिय रूप से भाग लेते हैं, जिससे क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण और विस्तार को बढ़ावा मिलता है।
इस राष्ट्रीय कार्यशाला में हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, झारखंड, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर और पश्चिम बंगाल सहित सात प्राकृतिक खेती केंद्रों (CoNFs) के 90 विशेषज्ञ शामिल हुए। मेजबान विश्वविद्यालय, गुजरात नेचुरल फार्मिंग साइंस यूनिवर्सिटी, मिशन के लिए एक मान्यता प्राप्त CoNF है। कार्यशाला में गुजरात के 10 स्थानीय प्राकृतिक खेती करने वाले किसान और गुजरात नेचुरल फार्मिंग साइंस यूनिवर्सिटी के 52 छात्र और प्रोफेसर भी उपस्थित रहे।
भारत सरकार का राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन: यह दो दिवसीय कार्यशाला राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के तहत शुरू होने वाली प्रशिक्षण गतिविधियों की श्रृंखला का पहला कदम है। भारत सरकार ने मिट्टी, जल और पर्यावरण की सेहत को पुनर्जीवित करने, किसानों के जीवन में समृद्धि लाने और सुरक्षित एवं स्वस्थ खाद्य की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया है। इसके तहत 2025 में राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (NMNF) की शुरुआत की गई।
7.5 लाख हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती और 10,000 जैव-इनपुट केंद्रों की स्थापना: इस मिशन का लक्ष्य 7.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना और 15,000 क्लस्टर्स में 10,000 आवश्यकता आधारित जैव-इनपुट संसाधन केंद्र (BRCs) स्थापित करना है। मिशन के तहत 18.75 लाख किसानों को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो आगे एक करोड़ किसानों तक इसे पहुंचाएंगे।