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Natural farming: प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय मिशन का शुभारंभ, योजना के तहत कुल ₹2481 करोड़ का बजट मंजूर

प्राकृतिक खेती को मिलेगा नया जीवन
प्राकृतिक खेती को मिलेगा नया जीवन

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय मिशन (एनएमएनएफ) को एक स्वतंत्र केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत लॉन्च करने की मंजूरी दी है। इस योजना का कुल बजट ₹2481 करोड़ है, जिसमें भारत सरकार का हिस्सा ₹1584 करोड़ और राज्यों का हिस्सा ₹897 करोड़ रहेगा। 

प्राकृतिक खेती: एक नई दिशा Natural Farming: A New Direction:

एनएमएनएफ का उद्देश्य देशभर में प्राकृतिक खेती को मिशन मोड में बढ़ावा देना है। यह योजना किसानों को रसायन मुक्त खेती अपनाने के लिए प्रेरित करती है, जो स्थानीय पशुधन पर आधारित, विविध फसल प्रणालियों और प्राकृतिक कृषि विधियों पर आधारित है। यह स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र, पारंपरिक ज्ञान और कृषि-जलवायु अनुकूल तकनीकों को बढ़ावा देती है।

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प्राकृतिक खेती के अंतर्गत किसानों को लागत में कमी, बाहरी खरीदारी पर निर्भरता घटाने और स्वस्थ मिट्टी, जैव विविधता व विविध फसलों के माध्यम से कृषि को जलवायु अनुकूल बनाने के लाभ मिलेंगे। इसके साथ ही यह योजना किसानों और उपभोक्ताओं के लिए पोषणयुक्त और सुरक्षित खाद्य उपलब्ध कराने का भी लक्ष्य रखती है।

प्राकृतिक खेती के तहत प्रमुख योजनाएं और लाभ Major Schemes and Benefits under Natural Farming:

  1. 15,000 क्लस्टर्स का विकास: अगले दो वर्षों में करीब 15,000 क्लस्टर्स का विकास किया जाएगा, जिससे 1 करोड़ किसान जुडेंगें साथ ही 7.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती की जायेगी।
  2. बायो-इनपुट रिसोर्स सेंटर: किसानों को प्राकृतिक खेती के इनपुट्स की आसान उपलब्ध करने के लिए 10,000 बायो-इनपुट रिसोर्स सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
  3. मॉडल डेमोन्स्ट्रेशन फार्म: देशभर में 2,000 मॉडल डेमोन्स्ट्रेशन फार्म विकसित किए जाएंगे, जिनमें किसान प्राकृतिक खेती की तकनीकों और इनपुट्स की तैयारी का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।
  4. किसानों का प्रशिक्षण: 18.75 लाख किसानों को जीवा अमृत, बीजामृत जैसे इनपुट्स तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए 30,000 कृषी सखियों और सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों (सीआरपी) को तैनात किया जाएगा।
  5. स्वास्थ्यवर्धक खेती: प्राकृतिक खेती से मिट्टी की गुणवत्ता और उर्वरता को पुनर्जीवित किया जाएगा, जलवायु जोखिमों जैसे जलभराव, बाढ़ और सूखे से निपटने की क्षमता विकसित की जाएगी। साथ ही, उर्वरकों और कीटनाशकों से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों को कम कर स्वस्थ खाद्य उत्पादन सुनिश्चित किया जाएगा।

प्राकृतिक खेती के लिए ब्रांडिंग और बाजार सुविधाएं Branding and market facilities for natural farming:

किसानों को सरल और सुगम प्रमाणन प्रक्रिया तथा उत्पादों के लिए विशेष ब्रांडिंग प्रदान की जाएगी, जिससे उनके प्राकृतिक उत्पादों को बाजार तक पहुंचने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त, स्थानीय किसान बाजार, एपीएमसी मंडी, हाट और डिपो के माध्यम से किसानों को बाजार उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास किए जाएंगे।

योजना के अन्य महत्वपूर्ण पहलू Other important aspects of the scheme:

  1. योजना की प्रगति की निगरानी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से रीयल टाइम जियो-टैगिंग और रेफरेंसिंग द्वारा की जाएगी।
  2. भारत सरकार, राज्य सरकारों और राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के मौजूदा संसाधनों और योजनाओं के साथ सामंजस्य स्थापित किया जाएगा।
  3. छात्रों को आरएडब्ल्यूई कार्यक्रम और प्राकृतिक खेती पर समर्पित पाठ्यक्रमों के माध्यम से जोड़ा जाएगा।

सतत भविष्य की ओर कदम: यह मिशन न केवल खेती को सस्ती और टिकाऊ बनाएगा, बल्कि मिट्टी की कार्बन सामग्री और जल उपयोग दक्षता को भी बढ़ाएगा। इसके माध्यम से किसानों को आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ मिलेगा और भावी पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ पृथ्वी का निर्माण सुनिश्चित होगा।

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