वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय बजट पेश करने वाली हैं, कृषि क्षेत्र का भारत के सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण है, जो उत्पादकता और निर्यात को बढ़ावा दे सकते हैं, जिससे आय में अधिक से अधिक वृद्धि हो सकती है। कृषि क्षेत्र में वित्तीय समावेशन और किसानों को मजबूत सामाजिक सुरक्षा देने के प्रयासों के तहत, आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 संसद में पेश किया गया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बताया गया कि मार्च 2024 तक देश में 7.75 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) सक्रिय हैं, जिन पर ₹9.81 लाख करोड़ का ऋण बकाया है।
पिछले बजट में कृषि को सबसे ऊपर रखा गया था। MSP की कानूनी गारंटी के लिए और खेती-बाड़ी पर फरवरी को पेश किए जाने वाले आम बजट में ज्यादा जोर रह सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण फसल बीमा योजना का दायरा बढ़ाने के साथ प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की रकम बढ़ाने, किसान मानधन योजना पर विचार किया जा सकता है। साथ ही, किसान क्रेडिट कार्ड से कर्ज की सीमा बढ़ाई जा सकती है।
ग्राउंड-लेवल क्रेडिट (GLC) 2014-15 के ₹8.45 लाख करोड़ से बढ़कर 2023-24 में ₹25.48 लाख करोड़ हो गया है। विशेष रूप से, छोटे और सीमांत किसानों का हिस्सा 41% से बढ़कर 57% हो गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि किसान सस्ते संस्थागत ऋण की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
संशोधित ब्याज अनुदान योजना (MISS) का डिजिटलीकरण: सरकार ने किसान ऋण पोर्टल (Kisan Rin Portal - KRP) के माध्यम से ब्याज अनुदान योजना के दावों को प्रोसेस करने की प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाया है। 31 दिसंबर 2024 तक, 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के दावों का निपटान किया जा चुका है, जिससे 5.9 करोड़ किसान लाभान्वित हुए हैं।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में सुधार: सरकार के प्रयासों के कारण PMFBY के तहत नामांकित किसानों की संख्या 26% बढ़कर 4 करोड़ हो गई है। बीमित क्षेत्र भी 500 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 600 लाख हेक्टेयर हो गया है। राज्य सरकारों और बीमा कंपनियों की भागीदारी भी 2020-21 में 20 राज्यों और 11 कंपनियों से बढ़कर 2024-25 में 24 राज्यों और 15 बीमा कंपनियों तक पहुंच गई है।
पीएम-किसान और पीएम किसान मानधन योजना का प्रभाव: किसानों को प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता देने वाली प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना से 11 करोड़ से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं। वहीं, प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PM-KMY) के तहत 23.61 लाख किसान पेंशन योजना से जुड़े हैं।
कृषि यंत्रीकरण और महिला किसानों के लिए ड्रोन योजना: सरकार ने महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को 15,000 ड्रोन प्रदान करने की योजना बनाई है, जिससे वे किराये पर ड्रोन सेवा देकर अतिरिक्त आय अर्जित कर सकें। इसके तहत ड्रोन लागत का 80% (अधिकतम ₹8 लाख) अनुदान के रूप में दिया जाएगा।
ई-नाम पोर्टल और कृषि बाजार सुधार: ई-नाम पोर्टल पर 1.78 करोड़ किसान और 2.62 लाख व्यापारी पंजीकृत हो चुके हैं। इस पहल के तहत 9,204 किसान उत्पादक संगठन (FPOs) जुड़ चुके हैं, जिनमें से 4,490 संगठनों को ₹237 करोड़ की अनुदान राशि प्रदान की गई है।