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लाड़ली बहनों के लिए रोजगार के नए अवसर, लघु उद्योगों से जुड़ेगी हुनरमंद महिलाएं, जानिए पूरी जानकारी यहाँ

अब रोजगार पाना हुआ आसान
अब रोजगार पाना हुआ आसान

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रालय में महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं और कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि लाड़ली बहनों को लघु उद्योग और व्यवसायिक गतिविधियों से जोड़ा जाए। हुनरमंद लाड़ली बहनों की पहचान कर उन्हें लघु उद्योगों से जोड़ा जाएगा, जिससे उनके आर्थिक उन्नयन का मार्ग प्रशस्त होगा।

आंगनवाड़ी केंद्रों से 81 लाख महिलाओं और बच्चों को लाभ 81 lakh women and children benefit from Anganwadi centers:

प्रदेश में आंगनवाड़ी केंद्रों के निर्माण में सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड का उपयोग किया जाए। उन्होंने आंगनवाड़ी केंद्रों को व्यवस्थित और सुविधाजनक बनाने के लिए जन सहयोग की सराहना की। प्रदेश में वर्तमान में 97,339 आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं, जिनसे 81 लाख महिलाएं और बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं।

मिशन शक्ति से लेकर बेटी बचाओ तक की गई समीक्षा Mission Shakti to Beti Bachao:

डॉ. यादव ने मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य, सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण, पूरक पोषण आहार कार्यक्रम, पोषण अभियान, प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जन-मन), बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, वन स्टॉप सेंटर, शाला पूर्व शिक्षा गतिविधि, आंगनवाड़ी सेवाओं के संचालन, और शक्ति अभिनंदन अभियान से संबंधित जानकारी प्राप्त की। 

मातृ वंदना योजना में 1191 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित Rs 1191 crore distributed under Matru Vandana Yojana:

पीएम मातृ वंदना योजना के अन्तर्गत मध्यप्रदेश देश में सबसे अग्रणी है। मातृ वंदना योजना के तहत वर्ष 2024-25 में प्रदेश में 2,46,185 हितग्राही पंजीकृत हैं। योजना शुरू होने से अब तक 1,191 करोड़ रुपये की राशि हितग्राहियों को प्रदान की जा चुकी है। इसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को मजदूरी की हानि की क्षतिपूर्ति के रूप में प्रोत्साहन राशि प्रदान करना और दूसरे प्रसव के दौरान बालिका जन्म को प्रोत्साहित करना है। भारत सरकार द्वारा इस योजना का क्रियान्वयन राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत 1 जनवरी 2017 से शुरू किया था।

प्रदेश के 3 स्टार्टअप्स को 11 करोड़ का समर्थन Support of Rs 11 crore to 3 startups of the state:

बैठक में स्टार्टअप को प्रोत्साहन दिया गया। कुल 2168 स्टार्टअप महिलाओं द्वारा संचालित हैं। प्रदेश में कुल साढे चार हजार स्टार्टअप और 70 इनक्यूबेटर स्थापित किए गए हैं। गत दो वर्ष में अधिमान्यता प्राप्त स्टार्टअप की संख्या में 150 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारत सरकार की स्टार्टअप रैंकिंग में प्रदेश को लीडर श्रेणी में स्थान मिला है। अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स से अनुबंध किया गया है जिससे राज्य शासन ने 2.25 करोड़ निवेश किया है। इससे प्रदेश के तीन स्टार्टअप के लिए 11 करोड़ रुपए का निवेश प्राप्त किया गया है। मध्यप्रदेश में शासकीय भूमि पर निजी विकासक द्वारा 11 क्लस्टर स्वीकृत किए गए। निजी भूमि पर 24 क्लस्टर जिनमें 2100 से अधिक भू-खण्ड होंगे।

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