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विदेशी तकनीक और निवेश से प्रदेश में विकास और रोजगार के नए अवसर

नई तकनीक और निवेश
नई तकनीक और निवेश

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की वैश्विक पहचान और अधिक सशक्त भी हो रही है साथ ही एक अलग छवि बन रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी की ग्लोबल लीडर वाली उत्कृष्ट छवि का लाभ मध्यप्रदेश को यूके-जर्मनी की 6 दिवसीय यात्रा में मिला है। इस यात्रा में लगभग 78 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव उद्योगपतियों और निवेशकों से प्राप्त हुये हैं। इससे प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अधिकतम अवसर उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। 

प्रमुख फोकस सेक्टर Major Focus Sector:

इस यात्रा में खनिज, सेमीकंडक्टर, स्वास्थ्य, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV), नवकरणीय ऊर्जा, शिक्षा और खाद्य प्र-संस्करण जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया। निवेशकों और उद्योगपतियों से इन क्षेत्रों में औद्योगिक, तकनीकी और पर्यावरणीय विकास पर गहन चर्चा हुई।

स्वास्थ्य क्षेत्र में 3000 करोड़ का निवेश Investment of Rs 3000 crore in health sector:

इंदौर के स्मार्ट इंडस्ट्रियल पार्क में एक फार्मास्युटिकल कंपनी द्वारा 3000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इस प्रस्ताव को तुरंत स्वीकृति दी गई और भूमि आवंटन की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई। यह निवेश आधुनिक चिकित्सा उपकरणों और दवाओं के उत्पादन में सहायक होगा।

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खनिज संसाधनों से रोजगार सृजन: प्रदेश के प्रचुर खनिज संसाधनों के बेहतर उपयोग हेतु माइनिंग और मेटल इंडस्ट्रीज में निवेश आकर्षित किया गया। आधुनिक तकनीकों से इन क्षेत्रों को सशक्त करने के लिए विदेशी कंपनियों के साथ सार्थक चर्चा हुई।

डेयरी उद्योग को प्रोत्साहन: डेयरी उद्योग की उत्पादकता बढ़ाने व आधुनिक प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए पोलैंड की कंपनी पीपीएच टैमर से चर्चा हुई। स्वदेशी और विदेशी सहयोग से नई परियोजनाएं शुरू करने की योजनाएं बनीं।

आईटी सेक्टर में 1100 करोड़ का निवेश: प्रदेश में आईटी क्षेत्र के विकास के लिए विदेशी कंपनियों ने रुचि दिखाई। वुडपैकर सॉफ्टवेयर ने आईटी और रसायन क्षेत्र में 1100 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया।

इंफ्रास्ट्रक्चर और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स: इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए बीईएम लिमिटेड ने 1000 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया। इसमें मॉड्यूलर हाउसिंग, आधुनिक परिवहन प्रणाली और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स शामिल हैं।

जर्मनी और यूके के साथ सांस्कृतिक और तकनीकी साझेदारी: मुख्यमंत्री ने स्टटगार्ट के प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इससे सांस्कृतिक और शैक्षिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, जर्मन लैंग्वेज इंस्टीट्यूट खोलने पर भी चर्चा हुई, ताकि जर्मनी में रोजगार के अवसरों का लाभ प्रदेश के युवाओं को मिल सके।

ग्लोबल निवेश से प्रदेश में आर्थिक उन्नति: यूके और जर्मनी यात्रा के दौरान 2,76,070 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे प्रदेश में 3,28,670 रोजगार सृजित होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा, मध्यप्रदेश को औद्योगिक हब बनाने के लिए हम देश-विदेश हर जगह निवेश आकर्षित करने के लिए तैयार हैं। सरकार का लक्ष्य प्रदेश को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।

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