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मध्य प्रदेश में निवेश बढ़ा, उद्योगों की स्थापना से रोजगार और विकास को नई दिशा

औद्योगिक विकास से मध्यप्रदेश को नई पहचान
औद्योगिक विकास से मध्यप्रदेश को नई पहचान

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि बाबा महाकाल की कृपा से मध्यप्रदेश में समृद्धि बढ़ रही है। उज्जैन में आयोजित औद्योगिक इकाइयों के लोकार्पण एवं भूमि-पूजन कार्यक्रम में उन्होंने 1127 करोड़ रुपये की लागत की 26 औद्योगिक इकाइयों का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इन इकाइयों से 5046 युवाओं को रोजगार मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने विक्रम उद्योगपुरी में 28 करोड़ रुपये की लागत से बने अत्याधुनिक सामान्य अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र (सीईटीपी) का भी लोकार्पण किया। उन्होंने 73 औद्योगिक इकाइयों को 441 करोड़ रुपये की निवेश प्रोत्साहन राशि भी सिंगल क्लिक से प्रदान की।

औद्योगिक विकास से मध्यप्रदेश को नई पहचान Madhya Pradesh gets new identity due to industrial development:

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में उद्योग और व्यापार को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। उज्जैन, इंदौर, देवास, धार और शाजापुर को मिलाकर एक नए मेट्रोपॉलिटन सिटी के रूप में विकसित करने की योजना है। इसी तरह भोपाल, नर्मदापुरम, रायसेन, विदिशा, जबलपुर और ग्वालियर को भी मेट्रोपॉलिटन सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से निवेश को मिली नई गति: भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 में 26.61 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिससे 17 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इसके तहत 19 नई औद्योगिक इकाइयों को 315 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई और 9168 करोड़ रुपये का निवेश धरातल पर उतर चुका है।

उद्योगों से किसानों और युवाओं को होगा लाभ Farmers and youth will benefit from industries:

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेसर्स इस्कॉन बालाजी की 122 करोड़ रुपये की लागत से बनी इकाई में प्रतिदिन 400 टन आलू से फ्लैक्स बनाए जाएंगे, जिससे किसानों को उपज का उचित मूल्य मिलेगा। मेसर्स रेलसस प्राइवेट लिमिटेड 97 करोड़ रुपये के निवेश से प्लांट बेस्ड प्रोटीन निर्माण करेगी, जिससे 120 से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा, मेसर्स ए.एम. वुड टॉयज 26 करोड़ रुपये के निवेश से खिलौना निर्माण करेगी, जबकि मेसर्स श्रीपति मॉलिक्यूल्स 50 करोड़ रुपये की लागत से दवा और विशेष रसायन उत्पादन करेगी।

धार्मिक पर्यटन और औद्योगिक विकास का संगम: मुख्यमंत्री ने बताया कि उज्जैन में श्री महाकाल महालोक बनने के बाद धार्मिक पर्यटन में भारी वृद्धि हुई है। वर्ष 2022 से अब तक 60 करोड़ से अधिक श्रद्धालु उज्जैन आ चुके हैं, जिससे होटल व्यवसाय को भी गति मिली है। सिंहस्थ-2028 के आयोजन के लिए 2000 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया है, जिससे उज्जैन वैश्विक धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में उभरेगा।

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