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डेयरी किसानों के लिए नहीं है कोई MSP या सब्सिडी योजना – सरकार का बड़ा बयान

कृषि अर्थव्यवस्था में डेयरी क्षेत्र का योगदान
कृषि अर्थव्यवस्था में डेयरी क्षेत्र का योगदान

पशुपालन और डेयरी विभाग (DAHD) का डेयरी किसानों के लिए मूल्य समर्थन योजना या सब्सिडी लागू करने का कोई प्रस्ताव नहीं है, क्योंकि विभाग देश में दूध की खरीद और बिक्री की कीमतों को विनियमित नहीं करता। दूध की कीमतें सहकारी समितियों और निजी डेयरियों द्वारा उनके उत्पादन लागत और बाजार की मांग के आधार पर तय की जाती हैं। देश के डेयरी सहकारी क्षेत्र में उपभोक्ता द्वारा खर्च किए गए प्रत्येक रुपये का लगभग 70-80% हिस्सा दूध उत्पादक किसानों को वापस किया जाता है।

कृषि अर्थव्यवस्था में डेयरी क्षेत्र का योगदान Dairy Sector in Agricultural Economy:

डेयरी क्षेत्र कृषि अर्थव्यवस्था में 5% से अधिक का योगदान देता है। दूध और दुग्ध उत्पादों की कुल मूल्य का पशुधन उप-क्षेत्र में सबसे अधिक हिस्सा होता है। वर्ष 2022-23 में दूध उत्पादन का कुल मूल्य 11.16 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो खाद्यान्न उत्पादन के कुल मूल्य को पार कर गया।

डेयरी उत्पादन और प्रसंस्करण के लिए लागू की जा रही योजनाएँ:

डेयरी उत्पादन और दुग्ध प्रसंस्करण अवसंरचना को बढ़ावा देने के लिए DAHD देशभर में निम्नलिखित योजनाएँ चला रहा है:

  1. राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD)
  2. डेयरी गतिविधियों में लगे सहकारी समितियों एवं किसान उत्पादक संगठनों को समर्थन (SDCFPO)
  3. पशुपालन अवसंरचना विकास कोष (AHIDF)
  4. राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM)
  5. राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM)
  6. पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम (LHDCP)

डेयरी किसानों की आय बढ़ाने में सहायक योजनाएँ:

इन योजनाओं का उद्देश्य पशुधन की दूध उत्पादकता बढ़ाना, डेयरी अवसंरचना को मजबूत करना, चारा और पोषक आहार की उपलब्धता बढ़ाना और पशु स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना है। ये प्रयास दूध उत्पादन लागत को कम करने, संगठित बाजार उपलब्ध कराने और डेयरी किसानों की आय में वृद्धि सुनिश्चित करने में मदद करते हैं।

डेयरी सहकारी समितियों के विस्तार की योजना: राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) के तहत अब तक 23,516 डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना या सशक्तिकरण किया जा चुका है। इसके अलावा, DAHD और सहकारिता मंत्रालय मिलकर "श्वेत क्रांति 2.0" को लागू कर रहे हैं। इस योजना का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में देशभर में 75,000 नई डेयरी सहकारी समितियों का गठन करना है, जिसे NPDD योजना के माध्यम से पूरा किया जाएगा।

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