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Soil health card: मृदा स्वास्थ्य कार्ड अब डिजिटल– किसानों को मिलेगी त्वरित और सटीक जानकारी

मृदा स्वास्थ्य कार्ड
मृदा स्वास्थ्य कार्ड

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना (Soil Health Card Scheme) का उद्देश्य सभी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान करना है, जिससे उन्हें अपनी मिट्टी की पोषण स्थिति की जानकारी मिले और उचित मात्रा में उर्वरकों का उपयोग कर मिट्टी की उर्वरता एवं सेहत को बनाए रखा जा सके। मृदा स्वास्थ्य कार्ड पोर्टल (https://www.soilhealth.dac.gov.in/home) के माध्यम से पूरे देश में एक समान और मानकीकृत प्रारूप में किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराए जाते हैं। यह कार्ड सभी प्रमुख भाषाओं और 5 स्थानीय बोलियों में उपलब्ध है।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड में मिट्टी के 12 प्रमुख पोषक तत्वों की जानकारी:

मृदा स्वास्थ्य कार्ड में मिट्टी के 12 प्रमुख पोषक तत्वों और गुणों की जानकारी होती है, जिनमें मुख्य पोषक तत्व- नाइट्रोजन (N), फास्फोरस (P), पोटाश (K) और सल्फर (S) , सूक्ष्म पोषक तत्व - जिंक (Zn), आयरन (Fe), कॉपर (Cu), मैंगनीज (Mn) और बोरॉन (Bo) तथा अन्य मृदा गुणधर्म - pH स्तर (अम्लता या क्षारीयता), विद्युत चालकता (EC) और जैविक कार्बन (OC) शामिल है। इन तत्वों के आधार पर किसानों को उर्वरक एवं मिट्टी सुधार की सिफारिशें दी जाती हैं। मृदा नमूने आमतौर पर रबी और खरीफ फसलों की कटाई के बाद लिए जाते हैं, जब खेत खाली होता है।

स्कूल मृदा स्वास्थ्य कार्यक्रम:

  1. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (DA&FW) ने स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (DSE&L), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और राज्य सरकारों के साथ मिलकर स्कूल मृदा स्वास्थ्य कार्यक्रम की शुरुआत की। इस पायलट परियोजना के तहत 20 ग्रामीण स्कूलों (10 केंद्रीय विद्यालय और 10 नवोदय विद्यालय) में मृदा स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं स्थापित की गईं।
  2. कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों एवं शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित किए गए।
  3. छात्र खुद मृदा नमूने लेकर परीक्षण कर रहे हैं और मृदा स्वास्थ्य कार्ड तैयार कर रहे हैं।
  4. छात्रों ने किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के महत्व और संतुलित उर्वरक उपयोग के बारे में जागरूक किया।
  5. 2024 तक 1,020 स्कूलों में यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिसमें 1,000 मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं और 1,25,972 छात्र इसमें शामिल हो चुके हैं।

तकनीकी प्रगति – मृदा स्वास्थ्य कार्ड मोबाइल ऐप:

  1. किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड तक आसान पहुंच प्रदान करने के लिए सरकार ने 2023 में नई तकनीकी सुविधाओं के साथ इस योजना को अपग्रेड किया।
  2. मृदा स्वास्थ्य कार्ड पोर्टल को भू-स्थानिक सूचना प्रणाली (GIS) से जोड़ा गया, जिससे परीक्षण परिणामों को मानचित्र पर देखा जा सकता है।
  3. नया मोबाइल ऐप विकसित किया गया, जिसमें निम्नलिखित विशेषताएं शामिल हैं: 
  4. मृदा नमूना संग्रह के लिए स्वचालित क्षेत्र निर्धारण
  5. नमूना स्थान की स्वचालित लैटिट्यूड-लॉन्गिट्यूड कैप्चरिंग
  6. QR कोड जेनरेशन, जिससे परीक्षण परिणाम बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के सीधे पोर्टल पर अपलोड हो सकें।
  7. भारत का ग्राफिकल नक्शा, जिसमें राज्य, जिला, तालुका, पंचायत और खेत की सीमाओं को देखा जा सकता है। 
  8. मृदा स्वास्थ्य कार्ड के डिजिटलीकरण के लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) द्वारा एक वेब-आधारित वर्कफ्लो एप्लिकेशन विकसित किया गया है, जिससे किसानों को त्वरित और सही जानकारी मिल सके।
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