गर्मियों के शुरुआती दौर में प्याज की कीमतें देश के अलग-अलग राज्यों में काफी भिन्न दिखाई दे रही हैं। कहीं प्याज की गुणवत्ता अच्छी होने के कारण भाव ऊंचे हैं, तो कहीं भारी आवक के चलते कीमतों में गिरावट आई है। बिहार, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की प्रमुख मंडियों से मिले आंकड़े यह दर्शाते हैं कि बाजार अभी भी संतुलन की स्थिति में नहीं है।
अगर आप किसान हैं या प्याज व्यापार से जुड़े हैं, तो यह जानना बेहद जरूरी है कि टुडे मंडी भाव क्या हैं और आने वाले समय में लेटेस्ट मंडी प्राइस किस ओर इशारा कर रहे हैं। सही मंडी का चुनाव और समय पर बिक्री ही आपको अधिक लाभ दिला सकती है। इसलिए, मंडियों के रुझानों पर नज़र बनाए रखें और बाज़ार की चाल को समझकर ही निर्णय लें।
बराहट मंडी में प्याज का भाव: बराहट मंडी में आज 4 टन मीडियम क्वालिटी प्याज की आवक दर्ज की गई। यहां न्यूनतम कीमत ₹2600 और अधिकतम ₹3000 रही, जबकि मॉडल रेट ₹2800 दर्ज हुआ। इन भावों से साफ है कि इस मंडी में प्याज की क्वालिटी ठीक-ठाक थी, और व्यापार सामान्य स्तर पर हुआ।
जयनगर मंडी में प्याज का भाव: जयनगर में केवल 0.8 टन प्याज की आवक हुई, लेकिन कीमतें चौंकाने वाली रहीं। यहां प्याज के रेट ₹3800 से ₹4000 प्रति क्विंटल तक पहुंच गए। मॉडल रेट ₹3900 रहा, जो दर्शाता है कि कम आवक के कारण मांग अधिक रही और भाव ऊंचे गए।
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ताजपुर मंडी में प्याज का भाव: ताजपुर मंडी में 2 टन प्याज आया। यहां के भाव तुलनात्मक रूप से कम रहे — ₹2100 से ₹2200 प्रति क्विंटल के बीच, और मॉडल रेट ₹2150 दर्ज हुआ। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां प्याज की क्वालिटी अपेक्षाकृत कम रही या फिर मांग थोड़ी कम थी।
सारंगपुर मंडी में प्याज का भाव: सारंगपुर में 12 टन लोकल प्याज की भारी आवक हुई, लेकिन इसके बावजूद रेट काफी कम रहे। न्यूनतम ₹420 और अधिकतम ₹520 प्रति क्विंटल का ही व्यापार हुआ। मॉडल रेट ₹500 रहा।
सेंधवा मंडी में प्याज का भाव: सेंधवा में मात्र 0.2 टन रेड प्याज आया, लेकिन कीमतें ₹600 से लेकर ₹1800 तक चली गईं। मॉडल रेट ₹1200 रहा, जो दर्शाता है कि प्याज की क्वालिटी के आधार पर भाव में बहुत अंतर रहा। यहां पर अच्छी क्वालिटी के प्याज को अच्छा रेट मिला।
पुणे (पिंपरी मंडी) में प्याज का भाव: पिंपरी मंडी में आज 2.3 टन लोकल प्याज की आवक हुई। यहां रेट ₹1100 से ₹1800 प्रति क्विंटल तक रहे और मॉडल रेट ₹1450 रहा। महाराष्ट्र की इस मंडी में भाव स्थिर और संतुलित रहे, जिससे किसान और व्यापारी दोनों को संतोषजनक सौदे मिल सके।
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