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Organic farming: जैविक खेती के फायदे और सरकारी योजनाएं: जाने किसानों के लिए सब्सिडी और सहायता की पूरी जानकारी

जैविक खेती
जैविक खेती

जैविक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग से न केवल मिट्टी की सेहत में सुधार होता है, बल्कि यह मानव और पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद साबित होता है। इसी को बढ़ावा देने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने ‘मृदा जैव विविधता-जैव उर्वरक’ परियोजना के तहत विभिन्न फसलों और मिट्टी के प्रकारों के लिए उन्नत जैव उर्वरक विकसित किए हैं। इसमें लिक्विड जैव उर्वरक, जैविक खाद, तथा जिंक और पोटैशियम घुलनशील जैव उर्वरक शामिल हैं। साथ ही, ICAR किसानों को जैव उर्वरकों के उपयोग पर प्रशिक्षण भी देता है।

जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकारी योजनाएं:

सरकार परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) और उत्तर-पूर्व क्षेत्र के लिए मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट (MOVCDNER) जैसी योजनाओं के माध्यम से जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है। PKVY के तहत किसानों को तीन वर्षों तक प्रति हेक्टेयर ₹31,500 की सहायता दी जाती है, जिसमें ₹15,000 सीधे किसानों को जैविक इनपुट्स के लिए मिलते हैं। वहीं, MOVCDNER योजना के तहत प्रति हेक्टेयर ₹46,500 की सहायता दी जाती है, जिसमें ₹15,000 प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के रूप में किसानों को दिए जाते हैं।

जैविक खेती को वित्तीय सहायता:

सरकार पिछले तीन वर्षों में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए करोड़ों रुपये की धनराशि जारी कर चुकी है:

वर्ष PKVY (₹ करोड़) MOVCDNER (₹ करोड़)
2021-22 88.58 133.29
2022-23 188.78 144.42
2023-24 206.39 230.67

जैविक उर्वरकों की गुणवत्ता नियंत्रण और जागरूकता: सरकार फर्टिलाइज़र कंट्रोल ऑर्डर (1985) के तहत जैविक उर्वरकों की गुणवत्ता सुनिश्चित करती है। गौबर-धन (GOBARdhan) योजना के तहत जैविक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए ₹1500 प्रति मीट्रिक टन की सहायता दी जाती है।

PM-PRANAM योजना के तहत राज्यों को रासायनिक उर्वरकों की खपत कम करने के लिए प्रोत्साहन दिया जाता है। इसके अंतर्गत, रासायनिक उर्वरकों की बचत पर 50% राशि राज्यों को अनुदान के रूप में दी जाती है।
इसके अलावा, राष्ट्रीय जैविक और प्राकृतिक खेती केंद्र (NCONF) और इसके क्षेत्रीय केंद्र किसानों को जैविक खेती पर प्रशिक्षण देते हैं। ICAR भी अपने कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) के माध्यम से किसानों को प्रशिक्षण, जागरूकता कार्यक्रम और प्रदर्शन परियोजनाओं के जरिए शिक्षित कर रहा है।

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