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पुणे में 20वां दिव्य कला मेले का आयोजन, दिव्यांगों के लिए ₹2 करोड़ के ऋण मंजूर

दिव्यांगों के लिए दिव्य कला मेले का आयोजन
दिव्यांगों के लिए दिव्य कला मेले का आयोजन

पुणे में आज 20वें राष्ट्रीय स्तर के दिव्य कला मेले का उद्घाटन हुआ, इस मेले का आयोजन दिव्यांगजनों के लिये सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, भारत सरकार द्वारा किया गया है। कार्यक्रम का शुभारंभ महाराष्ट्र के माननीय राज्यपाल श्री सी. पी. राधाकृष्णन, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार, और सांसद श्रीरंग अप्पा बारणे की उपस्थिति में हुआ।

दिव्यांगजन को ₹2 करोड़ के ऋण स्वीकृत

इस मेले के आयोजन में नेशनल दिव्यांगजन वित्त और विकास निगम (एनडीएफडीसी) ने अपनी विभिन्न योजनाओं के तहत दिव्यांगजन को ₹2 करोड़ के ऋण स्वीकृत किए हैं, जिससे उन्हें अपने व्यवसायों को विस्तार देने का अवसर मिल सके। इसके अलावा पात्र लाभार्थियों को मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल भी वितरित की गई, जिससे दिव्यांगजन की गतिशीलता को और सशक्त किया जा सके।

राज्यपाल ने दिव्यांगजन की प्रतिभा को सराहा

राज्यपाल श्री सी. पी. राधाकृष्णन ने दिव्यांगजन की प्रतिभा और धैर्य की सराहना करते हुए कहा कि उनके योगदान से हम एक सशक्त और समावेशी भारत का निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने एनडीएफडीसी द्वारा संचालित वित्तीय सशक्तिकरण योजनाओं पर भी प्रकाश डाला, जो आय सृजन गतिविधियों के लिए ₹50,000 से ₹50 लाख तक का ऋण 4% से 9% वार्षिक ब्याज दर पर प्रदान करती हैं। ये ऋण एनडीएफडीसी की राज्य चैनलिंग एजेंसियों, पंजाब नेशनल बैंक और देश भर के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के माध्यम से वितरित किए जाते हैं।

1,450 प्रतिभागियों ने अर्जित किए ₹11.5 करोड़, ₹10 करोड़ के ऋण मंजूर

केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने अपने संबोधन में दिव्य कला मेले को दिव्यांगजन उत्पादों के विपणन के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बताया। उन्होंने कहा, यह मेला दिव्यांगजन को अपने कौशल, रचनात्मकता और उद्यमशीलता को प्रदर्शित करने का अनोखा अवसर प्रदान करते हैं। अब तक देशभर में आयोजित दिव्य कला मेलों में लगभग 1,450 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया है और इन मेलों से ₹11.5 करोड़ से अधिक का राजस्व अर्जित किया गया है। इसके अलावा, दिव्यांग व्यवसायों के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए ₹10 करोड़ से अधिक के ऋण मंजूर किए गए हैं।

रोजगार मेले के साथ दिव्यांगजनों को मिल रहे नए अवसर

मंत्री ने आगे बताया कि अब दिव्य कला मेले के साथ-साथ रोजगार मेले भी आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे दिव्यांगजनों को अधिक रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। अब तक 1,400 प्रतिभागियों की स्क्रीनिंग की गई, जिनमें से 370 को शॉर्टलिस्ट किया गया है और 100 से अधिक को नौकरी के प्रस्ताव मिल चुके हैं। देश भर में सफलतापूर्वक आयोजित किए गए 19 मेलों के बाद, इस मेले का उद्देश्य दिव्यांगजनों को अपनी प्रतिभा और उद्यमशीलता कौशल दिखाने का एक मंच प्रदान करना है। 

दिव्य कला मेले में 100 से अधिक दिव्यांग कर रहे अपनी कला का प्रदर्शन 

दिव्य कला मेले में 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 100 से अधिक दिव्यांग कारीगर, उद्यमी और कलाकार अपने उत्पाद और कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। इस आयोजन में प्रदर्शनी स्टॉल मुफ्त प्रदान किए गए हैं ताकि दिव्यांगजन मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों में प्रतिष्ठित मंचों पर अपने कार्यों को प्रदर्शित कर सकें। दिव्य कला मेला 6 अक्टूबर 2024 तक चलेगा और यह सभी के लिए निःशुल्क है। इस मेले में कुल 60 स्टॉल्स के साथ-साथ दिव्यांग कलाकारों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा है।
 

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