फरवरी के पहले सप्ताह के बीतते ही देशभर में रबी सीजन की फसलों की कटाई शुरू हो जाती है। इस साल तापमान पहले ही बढ़ने लगा है, जिससे चना, मसूर, मटर, सरसों और अलसी जैसी फसलें तेजी से पक रही हैं। अगर आपकी भी फसल कटाई के लिए तैयार हो रही है, तो कुछ जरूरी बातों को अपनाकर उपज की गुणवत्ता और मात्रा को बनाए रखा जा सकता है। अक्सर कटाई के दौरान की गई गलतियां फसल उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। इसलिए कटाई से पहले इन तीन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
1. कटाई से पहले न करें सिंचाई: दलहन और तिलहन फसलों को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है। इनके लिए दो बार सिंचाई पर्याप्त मानी जाती है। कटाई से 20-25 दिन पहले खेत में सिंचाई करने से बचें। खेत पूरी तरह सूखा होना चाहिए ताकि कटाई में कोई दिक्कत न आए। अगर मिट्टी में नमी बनी रहती है, तो कटाई के दौरान फसलें उखड़ सकती हैं, जिससे उनकी सफाई में अधिक मेहनत लगती है।
फसल की कटाई तभी करनी चाहिए जब वह पूरी तरह पक जाए। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि फसल अधिक न सूखे, क्योंकि इससे फलियों के चटकने का खतरा बढ़ जाता है और बीज खेत में ही झड़ सकते हैं। जब पत्तियां पीली पड़ने लगें, तो कटाई का सही समय होता है। कटाई के बाद भी फसल की नमी धीरे-धीरे खत्म हो जाती है।
3. कटाई के बाद फसल को तुरंत सुरक्षित करें: कई किसान कटाई के बाद फसलों को खेत में छोड़ देते हैं, जिससे कई समस्याएं हो सकती हैं। गर्म हवाएं कटे हुए दानों को इधर-उधर बिखेर सकती हैं, जिससे उपज का नुकसान होता है। इसके अलावा, खेत में छोड़ी गई फसल को आवारा पशु नुकसान पहुंचा सकते हैं। बेमौसम बारिश से भी फसल खराब हो सकती है। इसलिए कटाई के तुरंत बाद फसल को खलिहान में सुरक्षित रखना चाहिए। अगर कटाई के दौरान इन बातों का ध्यान रखा जाए, तो न केवल उपज की गुणवत्ता बनी रहेगी, बल्कि पैदावार भी बेहतर होगी।