खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि धान और गेहूं के उपार्जन, परिवहन एवं भंडारण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एकीकृत निगरानी तंत्र जल्द विकसित किया जाए।
मंत्री श्री राजपूत ने अपर मुख्य सचिव (खाद्य) एवं आयुक्त (खाद्य) को निर्देश दिए हैं कि धान और चावल के मिलिंग एवं परिवहन के दौरान वाहनों में जीपीएस सिस्टम अनिवार्य रूप से स्थापित किया जाए और उसकी प्रभावी मॉनिटरिंग की जाए। इसके लिए मुख्यालय स्तर पर एक केंद्रीकृत कंट्रोल कमांड सेंटर स्थापित किया जाएगा। इस सेंटर से खाद्य विभाग, नागरिक आपूर्ति निगम एवं वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन के अधिकारियों को उपार्जित धान, गेहूं एवं चावल के भंडारण, परिवहन और मिलिंग की जानकारी एक ही क्लिक में उपलब्ध हो सकेगी।
विधानसभा में मंत्री श्री राजपूत ने आश्वस्त किया था कि उपार्जन, परिवहन और भंडारण में गड़बड़ी रोकने के लिए एकीकृत प्रणाली विकसित कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग के सहयोग से गड़बड़ी करने वाली समितियों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई जारी रहेगी। खाद्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि जिन जिलों में समितियों में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटरों द्वारा किसी भी प्रकार की गड़बड़ियां सामने आई हैं, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश में खरीफ उपार्जन वर्ष 2024-25 के तहत उपार्जित धान की मिलिंग विभिन्न मिलर्स के माध्यम से प्रक्रियाधीन है। खाद्य मंत्री ने प्रबंध संचालक, नागरिक आपूर्ति निगम को निर्देश दिए हैं कि धान की मिलिंग के बाद मानक गुणवत्ता का चावल सुनिश्चित करने के लिए नागरिक आपूर्ति निगम के स्तर पर एक विशेष दल गठित कर समय-समय पर सीएमआर (Custom Milled Rice) की रैंडम जांच कराई जाए।
धान मिलिंग की गुणवत्ता जांच के लिए तीन सदस्यीय दल गठित: खाद्य मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि खरीफ उपार्जन वर्ष 2024-25 में धान की मिलिंग के उपरांत चावल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा तीन सदस्यीय जांच दल गठित किया गया है। यह समिति प्रदेश के विभिन्न जिलों में निरीक्षण कर किसी भी गड़बड़ी की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को देगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करेगी।
ये भी पढें- मध्यप्रदेश सरकार द्वारा हर खेत तक पानी पहुंचाने का अथक प्रयास, 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को मिलेगा पानी