सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने और खेती में उनकी मदद के लिए लगातार नई योजनाएं लागू कर रही है। इस बार सरकार का मुख्य जोर पीएम धन धान्य योजना (PMDDY) पर है, जिसे 100 जिलों में किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया जाएगा। कृषि मंत्रालय इस योजना के विस्तृत खाके पर काम कर रहा है और इसे खरीफ सीजन की बुवाई से पहले लागू किया जा सकता है।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के अनुसार, कुछ जिलों में उत्पादकता कम होने के कारण किसानों को वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस योजना के तहत 100 आकांक्षी जिलों को चयनित किया गया है, जहां 1.6 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे। सरकार फसल उत्पादन, सिंचाई, लोन की उपलब्धता और कटाई के बाद के प्रबंधन में सुधार लाने की दिशा में कार्य करेगी।
इस योजना के तहत बोरवेल, सोलर पंप, माइक्रो-इरिगेशन और बिजली कनेक्शन जैसी सुविधाओं को एकीकृत किया जाएगा, ताकि किसानों को विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने के लिए अलग-अलग कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें। इससे सिंचाई व्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी और खेती की उत्पादकता बढ़ेगी।
सरकार किसानों की आय को बढ़ाने के लिए कृषि को मूल्य-आधारित उद्यम के रूप में विकसित करना चाहती है। अशोक दलवई समिति ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सात प्रमुख स्रोतों की पहचान की है, जिसमें –
75,000 किसानों की आय हुई दोगुनी: राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (NSSO) की रिपोर्ट के अनुसार, 2012-13 में प्रति किसान परिवार की औसत मासिक आय 6,426 रुपये थी, जो 2018-19 में बढ़कर 10,218 रुपये हो गई। वहीं, आईसीएआर (ICAR) द्वारा संकलित रिपोर्ट में 75,000 किसानों की सफलता की कहानियां दर्ज की गई हैं, जिन्होंने अपनी आय को दोगुने से अधिक बढ़ाया है। पीएम धन धान्य योजना के जरिए सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने और कृषि को एक लाभदायक उद्यम बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है।