उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ में बैठक के दौरान प्रधानमंत्री कुसुम योजना (PM-KUSUM) एवं प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना (PM Surya Ghar Yojana) की प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ये योजनाएं किसानों एवं निम्न एवं मध्यम वर्गीय नागरिकों के लिए अत्यंत लाभकारी हैं।
बैठक के दौरान उत्तर प्रदेश ने 22 गीगावॉट सौर ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। केंद्रीय मंत्री श्री जोशी ने कहा, "प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि किसानों को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाया जाए और कम लागत वाली कृषि को प्रोत्साहित किया जाए।" उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसान अब पारंपरिक बिजली पर निर्भर नहीं हैं, बल्कि सस्ती और स्वच्छ सौर ऊर्जा का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र सरकार इस योजना के अंतर्गत 90% तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है, जिससे किसानों को कम लागत पर सौर ऊर्जा सिस्टम उपलब्ध हो रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने लखनऊ की बक्शी का तालाब तहसील स्थित डुग्गौर गांव में पीएम योजना के तहत स्थापित 11.2 किलोवाट ऑन-ग्रिड सोलर पावर प्लांट का निरीक्षण किया। स्थानीय किसान द्वारा यह प्लांट अपने 7.5 HP सिंचाई पंप के लिए लगाया है। इस परियोजना की कुल लागत ₹6,23,909 रही, जिसमें से ₹1,87,173 केंद्र सरकार, ₹3,74,345 राज्य सरकार द्वारा अनुदान के रूप में दिए गए और केवल ₹62,391 किसान द्वारा वहन किया गया।
अब तक इस प्लांट से कुल 8,945 kWh विद्युत उत्पन्न हुई है, जिसमें से 7,100 kWh ग्रिड में भेजी गई और 1,845 kWh का उपयोग सिंचाई हेतु किया गया। इससे अहसन को न केवल ऊर्जा आत्मनिर्भरता मिली, बल्कि अतिरिक्त आय भी हुई है। यह परियोजना अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बन रही है।
प्रदेश को मिले 3.7 लाख सोलर पंप: प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री ए.के. शर्मा ने प्रधानमंत्री कुसुम योजना (कंपोनेंट-सी) के अंतर्गत 3.7 लाख सोलर पंप आवंटन के लिए केंद्र सरकार एवं केंद्रीय मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी का आभार व्यक्त किया।
ई-पीओपी तकनीक से किसानों को मिल रहा समय पर भुगतान: केंद्रीय मंत्री ने लखनऊ के मोहनलालगंज मंडी स्थित गेहूं खरीद केंद्र का दौरा किया। उन्होंने यहां ई-पीओपी (इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ प्रोकीयोरमेंट) मशीन के माध्यम से गेहूं की खरीद, सफाई और तौल की प्रक्रिया का निरीक्षण किया। मंत्री ने किसानों से संवाद कर यह जाना कि किस प्रकार केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लागू की गई ई-पीओपी तकनीक ने उनकी उपज बेचने की प्रक्रिया को पारदर्शी, तेज और सरल बना दिया है। किसानों ने बताया कि इस तकनीक से सटीक तौल हो रही है और भुगतान शीघ्र प्राप्त हो रहा है, जिससे सरकार की प्रणाली के प्रति उनका विश्वास बढ़ा है।