मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत मत्स्य पालन विभाग द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) की प्रगति की समीक्षा के लिए पूर्वोत्तर राज्यों की बैठक 6 जनवरी यानी आज 2025 को गुवाहाटी, असम के होटल रेडिसन में आयोजित की जाएगी।
इस दौरान केंद्रीय मंत्री ₹50 करोड़ मूल्य की प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। यह प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र में आत्मनिर्भर मत्स्य पालन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अवसर पर मत्स्य पालन के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC), और सर्वश्रेष्ठ FFPOs एवं मत्स्य स्टार्टअप्स को पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
सिक्किम राज्य में जैविक मत्स्य पालन और जलकृषि के विकास के लिए सोरेंग जिले में जैविक मत्स्य क्लस्टर की घोषणा की जाएगी। यह पहल आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक लाभ प्रदान करेगी और टिकाऊ मत्स्य पालन के क्षेत्र में सिक्किम को अग्रणी बनाएगी।
पूर्वोत्तर क्षेत्र में मत्स्य पालन की चुनौतियां और समाधान: कार्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के उपमहानिदेशक डॉ. जे.के. जेना द्वारा पूर्वोत्तर क्षेत्र में मत्स्य पालन और जलकृषि में चुनौतियां और समाधान विषय पर तकनीकी सत्र आयोजित किया जाएगा। इस सत्र में क्षेत्रीय संसाधन प्रबंधन, बुनियादी ढांचे की कमी, बाजार तक पहुंच की समस्या, और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव जैसी चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी। साथ ही क्षेत्र के अनूठे पारिस्थितिकी और सामाजिक-आर्थिक संदर्भों के अनुकूल नवाचारों और व्यावहारिक रणनीतियों को भी रेखांकित किया जाएगा।
यह बैठक पूर्वोत्तर क्षेत्र में मत्स्य और जलकृषि क्षेत्र की प्रगति को गति देने, क्षेत्रीय चुनौतियों का समाधान करने और टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगी। यह कार्यक्रम आधुनिक तकनीकों के प्रसार, बुनियादी ढांचे के विकास और बाजार संपर्क को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिससे उत्पादन बढ़ाने, रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
मत्स्य पालन क्षेत्र में निवेश और उत्पादन में वृद्धि: भारत का मत्स्य पालन और जलकृषि क्षेत्र लगभग 3 करोड़ मछुआरों और किसानों को आजीविका प्रदान करता है। 2019 में मत्स्य पालन विभाग की स्थापना के बाद, इस क्षेत्र में निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसमें 2015 से ₹38,572 करोड़ का निवेश किया गया है। सरकार द्वारा 2014-15 से ब्लू रिवोल्यूशन और PMMSY के तहत ₹2,114.73 करोड़ का निवेश किया गया है, जिससे मछली उत्पादन 2013-14 के 3.78 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 2023-24 में 6.41 लाख मीट्रिक टन हो गया है। इसके साथ ही, हैचरियों, वैज्ञानिक मछली पालन तकनीकों और बुनियादी ढांचे में भी व्यापक प्रगति हुई है।
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